Brothers and Sisters of the Golden Robe/hi: Difference between revisions

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{{पवित्र नियम }} (Holy Orders)
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दिव्य और देहधारी चैतन्य जीवों का एक वर्ग जो मानवता को विवेक की ज्योति का ज्ञान देने के लिए समर्पित है। दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Kuthumi|कुथुमी]] (Kuthumi) इस वर्ग के प्रमुख हैं। इनका आकाशीय आश्रय स्थल [[Special:MyLanguage/Kuthumi's retreat at Shigatse|शिगात्सी]] (Shigatse) और [[Special:MyLanguage/Cathedral of Nature|कश्मीर]] (Kashmir) में है।  
दिव्य और देहधारी चैतन्य जीवों का एक वर्ग जो मानवता को विवेक की ज्योति का ज्ञान देने के लिए समर्पित है। दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Kuthumi|कुथुमी]] (Kuthumi) इस वर्ग के प्रमुख हैं। इनका आकाशीय आश्रय स्थल [[Special:MyLanguage/Kuthumi's retreat at Shigatse|शिगात्सी]] (Shigatse) और [[Special:MyLanguage/Cathedral of Nature|कश्मीर]] (Kashmir) में है।  


इस वर्ग का उद्देश्य मनुष्यों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है। स्वतंत्रता से की गई प्रकाशमयी मार्ग छठ्ठी किरण देती है - यह किरण सेवा और कार्य सम्पादन की किरण है। इसके सदस्य मानव जाति के शिक्षक कहलाते हैं। यह भक्तों का एक वर्ग है जिसका कार्य अपने आभामंडल में एकत्रित युग-युगांतर के ज्ञान को शिक्षकों और अन्य सभी इच्छुक लोगों को प्रदान करना है। कश्मीर केआकाशीय स्तर में एक पुस्तकालय है जहाँ विज्ञान, संस्कृति और विवेक के पवित्र रहस्यों पर सभी किताबें मौजूद हैं।
इस वर्ग का उद्देश्य मनुष्यों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है। छठ्ठी किरण से हमें स्वतंत्रता के प्रकाश का मार्ग मिलता है - यह किरण सेवा और कार्य सम्पादन की है। इसके सदस्य मानव जाति के शिक्षक कहलाते हैं। यह भक्तों का एक वर्ग है जिसका कार्य अपने आभामंडल में एकत्रित युग-युगांतर के ज्ञान को शिक्षकों और अन्य सभी इच्छुक लोगों को प्रदान करना है। कश्मीर केआकाशीय स्तर में एक पुस्तकालय है जहाँ विज्ञान, संस्कृति और ज्ञान के पवित्र रहस्यों पर सभी किताबें मौजूद हैं।


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== सदस्य्ता ==
== सदस्य्ता ==


ब्रदर्स ऑफ़ द गोल्डन रोब का सुनहरा लबादा पहनना एक बहुत बढ़िया अवसर और एक महान विशेषाधिकार है। उस वस्त्र को पहनने के योग्य होने के लिए आपको अपने आभामंडल में विवेक की किरण की रोशनी को और अधिक गतिमान करना होगा। यह काम आप [[Special:MyLanguage/Third-eye chakra|आज्ञा चक्र]] की क्रिया को बढ़ाकर कर सकते हैं क्योंकि यह चक्र पन्ना किरण का चक्र है, जो भगवान की इच्छा से बनी रोशनी से बना है - नीली और पीली किरणें जो मिलकर हरी किरण बनाती हैं पीला हरी किरण बनाना।
सुनहरे वस्त्र पहने पवित्र भाई बहनों का सुनहरा लबादा पहनना एक सौभाग्यशील अवसर और एक महान विशेषाधिकार है। इस वस्त्र को पहनने के योग्य होने के लिए आपको अपने आभामंडल में विवेक की किरण की रोशनी को और अधिक गतिमान करना होगा। यह कार्य आप अपने  [[Special:MyLanguage/Third-eye chakra|आज्ञा चक्र]] (Third-eye chakra) की क्रिया को बढ़ाकर कर सकते हैं क्योंकि यह चक्र पन्ना/हरे रंग की किरण (emerald ray) का चक्र है, जो भगवान की इच्छा से बनी रोशनी से बना है - नीले और पीले रंग किरणें जो मिलकर हरे रंग की किरण बनाती हैं।


आज्ञा चक्र को शुद्ध करने से दिव्य माँ की ऊर्जा को मूलाधार चक्र से ऊपर उठने में मदद मिलती है। अंतिम निकासी सहस्त्रार चक्र की होती है। यदि [[Special:MyLanguage/crown chakra|सहस्त्रार चक्र]] से नीचे का कोई भी चक्र मलिन है और ठीक प्रकार से स्पंदित नहीं होता तो मूलाधार चक्र से ऊपर उठती हुई माँ की ऊर्जा या तो अवरुद्ध हो जाती हो या अयोग्य। तो, हमारा लक्ष्य सात चक्रों के माध्यम से अपनी ऊर्जा को चरण दर चरण बढ़ाना है, जिससे दिव्य माँ की ऊर्जा सहस्त्रार चक्र तक पहुँचने पर शुद्ध रहे।
आज्ञा चक्र को शुद्ध करने से दिव्य माँ (कुंडलिनी ) की ऊर्जा को मूलाधार चक्र (base of the spine) से उत्थान में मदद मिलती है। सातों चक्रों की अंतिम शुद्धि सहस्त्रार (crown chakra) चक्र में होती है। यदि [[Special:MyLanguage/crown chakra|सहस्त्रार चक्र]] से नीचे का कोई भी चक्र अपवित्र है और नकारात्मक ऊर्जा से भरे होने के कारण रुके हुए है जिसके कारण  मूलाधार चक्र से ऊपर उठती हुई माँ की ऊर्जा अवरुद्ध और अयोग्य हो जाती है, तब हमारा लक्ष्य सातों चक्रों के माध्यम से अपनी ऊर्जा को चरण दर चरण बढ़ाना है, जिससे कुंडलिनी की ऊर्जा सहस्त्रार चक्र तक पहुँचने पर शुद्ध रहे।


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=== समिट यूनिवर्सिटी ===
=== समिट यूनिवर्सिटी (Summit University) ===


संत जर्मेन ने कहा है कि [[Special:MyLanguage/Summit University|समिट यूनिवर्सिटी]] के शुरुआत के १२ हफ़्तों का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को वर्ग में प्रवेश पाने के लिए तैयार करता है:
संत जर्मेन ने कहा है कि [[Special:MyLanguage/Summit University|समिट यूनिवर्सिटी]] (Summit University) के शुरुआत के १२ हफ़्तों का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को इस वर्ग में प्रवेश करने के लिए तैयार करता है:


<blockquote>और इसलिए [[Special:MyLanguage/Lord of the World|सर्वव्यापी ईश्वर]] सुनहरे-मखमली वस्त्र के साथ अपने देवदूतों को आपके पास भेजते हैं जो कि इस बात का द्योतक है कि आप विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण होते हुए अपने गंतव्य स्थल (आध्यात्मिक उत्थान) तक पहुँच गए हैं। यही सुनहरा वस्त्र आपको मास्टर कुथुमी के अधीन ऑर्डर ऑफ द गोल्डन रॉब की सदस्यता के योग्य बनाता है।<ref>संत जर्मेन, मार्च २२, १९७५</ref></blockquote>
<blockquote>और इसलिए [[Special:MyLanguage/Lord of the World|पृथ्वी लोक के स्वामी]] (गौतम बुध) अपने देवदूतों द्वारा सुनहरे-मखमली वस्त्र आपको पहनाते हैं जो कि इस बात का प्रमाण है कि आप विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण होते हुए अपने लक्ष्य (आध्यात्मिक उत्थान) तक पहुँच गए हैं। यही सुनहरा वस्त्र आपको मास्टर कुथुमी के ऑर्डर ऑफ द गोल्डन रॉब (Order of the Golden Robe) की सदस्यता के योग्य बनाता है।<ref>संत जर्मेन, मार्च २२, १९७५</ref></blockquote>


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== विवेक की किरण ==
== ज्ञान की किरण ==


रोशनी और विवेक की किरण कोई नाज़ुक किरण नहीं है। यह [[Special:MyLanguage/Christ mind| आत्मिक चेतना]] द्वारा ईश्वरत्व तक पहुँचने का माध्यम है। ईश्वर की इच्छा और [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] की सहायता से जब [[Special:MyLanguage/aura|आभामंडल]] शुद्ध हो जाता है तो हृदय में रोशनी और प्रेम बढ़ने लगता है - यह प्रेम ही [[Special:MyLanguage/threefold flame|त्रिदेव ज्योत]] को बढ़ा सकता है। हमें विवेक की किरण को भी बढ़ाना है और ईश्वरीय ऊर्जा को भी।
प्रकाश और ज्ञान की किरण कोई नाज़ुक और कोमल किरण नहीं है। यह [[Special:MyLanguage/Christ mind| आत्मिक चेतना]] (Higher Mind) द्वारा ईश्वर तक पहुँचने का माध्यम है। ईश्वर की इच्छा का पालन करने से और [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] (violet flame) की सहायता से जब [[Special:MyLanguage/aura|आभामंडल]] (aura) शुद्ध हो जाता है तो हृदय में प्रकाश और प्रेम बढ़ने लगता है - यह प्रेम ही [[Special:MyLanguage/threefold flame|त्रिज्योति लौ]] (threefold flame) को बढ़ा सकता है। हमें ज्ञान की किरण को भी बढ़ाना है और ईश्वरीय ऊर्जा को भी।


जब आपका आभामंडल विवेक की अग्नि से परिपूर्ण हो जाता है, तो यह एक सुनहरे वस्त्र का रूप धारण करता है - यह सुनहरा वस्त्र आपकी अपनी आंतरिक उपलब्धि को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि आप अपनी आभा द्वारा ही ऑर्डर ऑफ द गोल्डन रॉब को सदस्यता देने के लिए बाध्य करते हैं। केवल उन व्यक्तियों को ही ब्रदर्स एंड एंड सिस्टर्स ऑफ़ द गोल्डन रॉब के अंतर्गत माना जा सकता है जिनका आभामंडल विवेक से संतृप्त है।
जब आपका आभामंडल ज्ञान की अग्नि से परिपूर्ण हो जाता है, तो यह एक सुनहरे वस्त्र का रूप धारण करता है - यह सुनहरा वस्त्र आपकी अपनी आंतरिक उपलब्धि को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि आप अपनी आभा द्वारा ही ऑर्डर ऑफ द गोल्डन रोब की सदस्यता को दर्शातें हैं। केवल उन व्यक्तियों को ही ब्रदर्स एंड सिस्टर्स ऑफ़ द गोल्डन रोब के अंतर्गत माना जा सकता है जिनका आभामंडल ज्ञान से संतृप्त है।


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जब आप मेरे इस आश्रय स्थल पर आएंगे तो इन बड़े बड़े कमरों में, आँगन में और इन रास्तों पर सुनहरा चोला पहने हुए लोगों को देखेंगे। हाथों में पुस्तक लिए ये या तो ईश्वर की उपासना कर रहे होंगे या फिर पूर्व और पश्चिम की आध्यात्मिक शिक्षाओं पर विचार कर रहे होंगे। वे सन्देशवाहकों द्वारा दिए गए हमारे प्रकाशित और अप्रकाशित आदेशों की समीक्षा करते हैं - हमारे पास एक संपूर्ण पुस्तकालय है।
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि जब आप मेरे इस आश्रय स्थल पर आएंगे तो इन बड़े बड़े कमरों में, आँगन में और इन रास्तों पर सुनहरा चोला पहने हुए लोगों को देखेंगे। हाथों में पुस्तक लिए ये या तो ईश्वर की उपासना कर रहे होंगे या फिर पूर्व और पश्चिम की आध्यात्मिक शिक्षाओं पर विचार कर रहे होंगे। वे हमारे सन्देशवाहकों द्वारा दिए गए हमारे प्रकाशित और अप्रकाशित आदेशों की समीक्षा करते हैं - हमारे पास एक संपूर्ण पुस्तकालय है।


और इस सदी के छात्रों को मूर्त रूप में क्या दिया गया है, इस बात का अध्ययन करके उन्हें यह समझ में आता है कि [[Special:MyLanguage/Hierarchy|पदक्रम]] पृथ्वी के प्रकाशवाहकों की ज़रूरतों के बारे में क्या समझता है, विशेषकर उन लोगों की ज़रूरतें जो [[Special:MyLanguage/World Teacher|विश्व शिक्षकों]] के अनुयायी बनना चाहते हैं। इस प्रकार वे वो सब जानते हैं जो ''उन्हें'' पता होना चाहिए; वे ये भी जानते हैं की उन्हें अपने स्वाध्याय में किस बात को महत्व देना चाहिए ताकि वे उन जीवात्माओं की सहायता कर सकें जो प्रतिदिन हमारे पास प्रशिक्षण और आध्यात्मिक उत्थान के लिए आती हैं।
और इस सदी के छात्रों को इस जन्म और पूर्व जन्मों में क्या ज्ञान दिया गया है, इस बात का अध्ययन करके उन्हें यह समझ में आता है कि प्रकाशवाहक और प्रबुद्ध (lightbearers) [[Special:MyLanguage/Hierarchy|पदक्रम]] (Hierarchy) मार्ग के द्वारा पृथ्वी के लोगों की ज़रूरतों के बारे में समझतें हैं, विशेषकर उन लोगों की ज़रूरतें जो [[Special:MyLanguage/World Teacher|विश्व शिक्षकों]] (World Teacher) के अनुयायी बनना चाहते हैं। इस प्रकार प्रकाशवाहक वह सब जानते हैं जो ''उन्हें'' पता होना चाहिए; वे यह भी जानते हैं कि उन्हें अपने स्वाध्याय में किस बात को महत्व देना चाहिए ताकि वे उन लोगों की सहायता कर सकें जो प्रतिदिन हमारे पास प्रशिक्षण और आध्यात्मिक उत्थान के लिए आते हैं।


देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे  [[मैत्रेय]] के अधीन बोधिसत्व बन बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का रास्ता शब्द और कार्य - अल्फा और ओमेगा - की ब्रह्मांडीय चेतना का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों को आत्मसात कर लेते हैं।<ref>कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” {{POWref|32|61}}</ref>
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देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे  [[मैत्रेय]] के निगरानी में बोधिसत्व (bodhisattvas) बन कर बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का मार्ग शब्द और सेवा - अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) - की [[ब्रह्मांडीय चेतना]] का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों से आत्मसात द्वारा एकीकरण करते हैं।<ref>कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” {{POWref|32|61}}</ref>
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== रूथ जोंस ==
== रूथ जोन्स (Ruth Jones) ==


१९७६ में कुथुमी ने बताया था कि लौ रक्षक [[Special:MyLanguage/Ruth Jones|रूथ जोंस]] इस वर्ग की एक सदस्य है:
१९७६ में कुथुमी ने [[Special:MyLanguage/Ruth Jones|रूथ जोन्स]] (Ruth Jones) के बारे में बताया जो इश्वरिये लौ की पालक (Keeper of the Flame) और इस वर्ग की सदस्य थी:


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आज मैं आप लोगों के बीच रह रही एक [[Special:MyLanguage/Keeper of the Flame|लौ रक्षक ]] के [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] की घोषणा करता हूँ। ये अपने साथ बहुत सारा विवेक और इस बात का ज्ञान लेकर आयीं है कि ईश्वर के बच्चों की देखभाल कैसे करनी है। लौ रक्षक रूथ जोंस का आध्यात्मिक उत्थान १९७६ का पहला आध्यात्मिक उत्थान है। रूथ जोंस लगभग दस साल तक संदेशवाहकों के साथ [[Special:MyLanguage/Retreat of the Resurrection Spiral|पुनरुत्थान के आश्रयस्थल ]] (Retreat of the Resurrection Spiral) पर रहीं। ईश्वर ने कुछ समय इन्हें [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] के कठिन रास्तों से गुज़ारा ताकि वे इन्हें अमरत्व प्रदान कर सकें।
मैं आज एक [[Special:MyLanguage/Keeper of the Flame|इश्वरिये लौ की पालक]] (Keeper of the Flame) और सुनहरे वस्त्र वाले संगठन की सदस्य का [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] (ascension) घोषित करता हूँ जिसने आप लोगों के बीच रह कर सेवा की थी। वह अपने साथ ज्ञान और इस बात की जानकारी लेकर आयीं थी कि ईश्वर के बच्चों की देखभाल कैसे करनी चाहिये। इश्वरिये लौ की पालक रूथ जोन्स का आध्यात्मिक उत्थान १९७६ का पहला आध्यात्मिक उत्थान था। रूथ जोन्स लगभग दस साल तक हमारे संदेशवाहकों (Messengers) के साथ [[Special:MyLanguage/Retreat of the Resurrection Spiral|पुनरुत्थान के आश्रयस्थल ]] (Retreat of the Resurrection Spiral) पर रहीं। [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] ने उन्हें कुछ समय के लिए कठिन रास्तों पर चलने की हिम्मत दी ताकि ईश्वर उन्हें अमरत्व प्रदान कर सकें।


जनवरी ३, १९७६ को शाम के ५ बजे, ईश्वर की अनुकम्पा से यह बेटी [[Special:MyLanguage/ascension flame|उत्थान की लौ]] में प्रवाहित हुई। जानते बूझते उस वृद्ध व्यक्ति  को समय और सीमा के परे ले जाते हुए, उन्होंने अपने भौतिक शरीर का त्याग कर एक दिव्य शरीर धारण किया। सभी चीज़ों को सहन करते हुए, सभी चीज़ों पर विश्वास करते हुए, सभी चीज़ों की आशा करते हुए, सभी चीज़ों को सहते हुए, उसने संतों की गवाही के वचन के द्वारा विजय प्राप्त की।
जनवरी ३, १९७६ को शाम के ५ बजे, ईश्वर की कृपा से यह बेटी [[Special:MyLanguage/ascension flame|उत्थान की लौ]] (ascension flame) में समावेश हुई। उन्होंने सचेत अवस्था में अपनी इच्छा से पार्थिव शरीर का त्याग करके उसे दिव्य शरीर में परिवर्तित किया और सभी बाधाओं को सहन करते हुए आशा और विश्वास के साथ संतों के आशीर्वाद से विजय प्राप्त की।


रूथ जोंस की उन्नत उपस्थिति के अधिकार से मैं उनके [[Special:MyLanguage/mantle|आवरण]] की किरण, उनके समर्पण की गति, उन सब लौ के रक्षकों और जीवात्माओं को हस्तांतरित करता हूं जो इस घोषणा को पढ़ेंगे और जिनका चेतना तथा आध्यात्मिक उत्थान में विश्वास होगा। रूथ जोंस का ह्रदय सन्देशवाहकों तथा दिव्यगुरूओं के प्रति कृतज्ञता से भरपूर है जिनकी वजह से उनकी घरवापसी (ईश्वर से मिलन) हुई। वे सभी अविनाशी गुरुओं के साथ मिलकर जीवात्माओं को ऊपर उठने का रास्ता एवं तरीका बताती हैं।<ref>कुथुमी एंड ब्रदर्स ऑफ़ गोल्डन रोब, “Keepers of the Flame Are Ascending Day by Day,” {{POWref|19|3|, जनवरी १८, १९७६}}</ref>
मैं (कुथुमी), रूथ जोन्स की दिव्य उपस्थिति के अधिकार से उसके [[Special:MyLanguage/mantle|दायित्व]] (mantle) के प्रकाश, निष्ठा और लगन के बारे में उन सब इश्वरिये लौ के पालक और जो लोग उच्च चेतना तथा रूथ जोन्स के आध्यात्मिक उत्थान पर विश्वास रखते हैं, यह घोषणा करता हूँ कि उनका आध्यात्मिक उत्थान भी संभव हैं। रूथ जोन्स का ह्रदय सन्देशवाहकों (Messengers) तथा दिव्यगुरूओं के प्रति कृतज्ञता से भरपूर है जिसकी  वजह से उनका ईश्वर से पुनर्मिलन हुआ। वह सभी दिव्यगुरूओं के साथ मिलकर जीवात्माओं को आध्यात्मिक उत्थान का रास्ता एवं तरीका बताती हैं।<ref>कुथुमी एंड ब्रदर्स ऑफ़ गोल्डन रोब, “Keepers of the Flame Are Ascending Day by Day,” {{POWref|19|3|, जनवरी १८, १९७६}}</ref>
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मैं शांति के गुरु के रूप में जाना जाता हूँ, परन्तु मैं चाहूंगा की मुझे केवल गोल्डन रोब का ब्रदर कहा जाए। ये वह वर्ग है जिसकी स्थापना सदियों पहले उन्होंने करी थी जो जानते थे कि सच्चा ज्ञान ही शान्ति और अंततः समझदारी प्रदान करता है।<ref>Phil. 4:7.</ref> हम अपने दस्ते में आध्यात्मिक रूप से उत्थान प्राप्त किये हुए उन सभी को गिनते हैं जिन्होंने मानव जाति को शांति प्रदान करने के साधन के रूप में रोशनी की सुनहरी लौ का समर्थन किया है। हम उनको भी अपने दस्ते का हिस्सा मानते हैं जो ईश्वर के ज्ञान और विवेक का शांतिपूर्वक प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।
मैं शांति के गुरु के रूप में जाना जाता हूँ, परन्तु मैं चाहूंगा कि मुझे केवल सुनहरे वस्त्र वाला भाई (brother of the Golden Robe) कहा जाए। यह वह वर्ग है जिसकी स्थापना सदियों पहले उन्होंने की थी जो जानते थे कि सच्चा ज्ञान ही शान्ति और अंततः समझदारी प्रदान करता है।<ref>Phil. 4:7.</ref> हम अपने संघ में आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त किये हुए उन सभी को गिनते हैं जिन्होंने मानव जाति को शांति प्रदान करने के लिए सुनहरे प्रकाश की लौ का समर्थन किया है। हम उनको भी अपने संघ का हिस्सा मानते हैं जो ईश्वर के ज्ञान का शांतिपूर्वक प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।


हम नए सदस्यों की खोज में हैं। ये लेख मैं आपको ये बताने के लिए लिख रहा हूँ कि हमारे प्रकोष्ठ, पुस्तकालय और आश्रयस्थलों में उन लोगों के लिए रिक्त स्थान है जो कर्मठतापूर्वक ईश्वर की उपासना करते हैं तथा ज्ञान के इच्छुक अन्य लोगों की सहायता को सदा तैयार रहते हैं।<ref>कुथुमी, {{POWref|16|11|, मार्च १८, १९७३}} {{OTD}}, दूसरे अध्याय में भी प्रकाशित हुई</ref>
हम नए सदस्यों की खोज में हैं। यह लेख मैं आपको यह बताने के लिए लिख रहा हूँ कि हमारे प्रकोष्ठ (chambers), पुस्तकालय और आश्रयस्थलों में उनके लिए रिक्त स्थान है जो कर्मठतापूर्वक ईश्वर की उपासना करते हैं तथा ज्ञान के इच्छुक अन्य लोगों की सहायता को सदा तैयार रहते हैं।<ref>कुथुमी, {{POWref|16|11|, मार्च १८, १९७३}} {{OTD}}, दूसरे अध्याय में भी प्रकाशित हुई</ref>
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Latest revision as of 04:36, 13 November 2024

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निम्नलिखित लेखों की श्रृंखला का हिस्सा
पवित्र नियम



अच्छे व्यक्तियों का वर्ग
हीरे के सामान दिल वालों का वर्ग
पन्ना के पदक वालों का वर्ग
फ्रांसिस और क्लेयर का वर्ग
सुनहरी लिली का वर्ग
बच्चों का वर्ग
सुनहरे वस्त्र पहने पवित्र भाई बहन



मेल्कीज़ेडएक का वर्ग
 

दिव्य और देहधारी चैतन्य जीवों का एक वर्ग जो मानवता को विवेक की ज्योति का ज्ञान देने के लिए समर्पित है। दिव्यगुरु कुथुमी (Kuthumi) इस वर्ग के प्रमुख हैं। इनका आकाशीय आश्रय स्थल शिगात्सी (Shigatse) और कश्मीर (Kashmir) में है।

इस वर्ग का उद्देश्य मनुष्यों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है। छठ्ठी किरण से हमें स्वतंत्रता के प्रकाश का मार्ग मिलता है - यह किरण सेवा और कार्य सम्पादन की है। इसके सदस्य मानव जाति के शिक्षक कहलाते हैं। यह भक्तों का एक वर्ग है जिसका कार्य अपने आभामंडल में एकत्रित युग-युगांतर के ज्ञान को शिक्षकों और अन्य सभी इच्छुक लोगों को प्रदान करना है। कश्मीर केआकाशीय स्तर में एक पुस्तकालय है जहाँ विज्ञान, संस्कृति और ज्ञान के पवित्र रहस्यों पर सभी किताबें मौजूद हैं।

सदस्य्ता

सुनहरे वस्त्र पहने पवित्र भाई बहनों का सुनहरा लबादा पहनना एक सौभाग्यशील अवसर और एक महान विशेषाधिकार है। इस वस्त्र को पहनने के योग्य होने के लिए आपको अपने आभामंडल में विवेक की किरण की रोशनी को और अधिक गतिमान करना होगा। यह कार्य आप अपने आज्ञा चक्र (Third-eye chakra) की क्रिया को बढ़ाकर कर सकते हैं क्योंकि यह चक्र पन्ना/हरे रंग की किरण (emerald ray) का चक्र है, जो भगवान की इच्छा से बनी रोशनी से बना है - नीले और पीले रंग किरणें जो मिलकर हरे रंग की किरण बनाती हैं।

आज्ञा चक्र को शुद्ध करने से दिव्य माँ (कुंडलिनी ) की ऊर्जा को मूलाधार चक्र (base of the spine) से उत्थान में मदद मिलती है। सातों चक्रों की अंतिम शुद्धि सहस्त्रार (crown chakra) चक्र में होती है। यदि सहस्त्रार चक्र से नीचे का कोई भी चक्र अपवित्र है और नकारात्मक ऊर्जा से भरे होने के कारण रुके हुए है जिसके कारण मूलाधार चक्र से ऊपर उठती हुई माँ की ऊर्जा अवरुद्ध और अयोग्य हो जाती है, तब हमारा लक्ष्य सातों चक्रों के माध्यम से अपनी ऊर्जा को चरण दर चरण बढ़ाना है, जिससे कुंडलिनी की ऊर्जा सहस्त्रार चक्र तक पहुँचने पर शुद्ध रहे।

समिट यूनिवर्सिटी (Summit University)

संत जर्मेन ने कहा है कि समिट यूनिवर्सिटी (Summit University) के शुरुआत के १२ हफ़्तों का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को इस वर्ग में प्रवेश करने के लिए तैयार करता है:

और इसलिए पृथ्वी लोक के स्वामी (गौतम बुध) अपने देवदूतों द्वारा सुनहरे-मखमली वस्त्र आपको पहनाते हैं जो कि इस बात का प्रमाण है कि आप विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण होते हुए अपने लक्ष्य (आध्यात्मिक उत्थान) तक पहुँच गए हैं। यही सुनहरा वस्त्र आपको मास्टर कुथुमी के ऑर्डर ऑफ द गोल्डन रॉब (Order of the Golden Robe) की सदस्यता के योग्य बनाता है।[1]

ज्ञान की किरण

प्रकाश और ज्ञान की किरण कोई नाज़ुक और कोमल किरण नहीं है। यह आत्मिक चेतना (Higher Mind) द्वारा ईश्वर तक पहुँचने का माध्यम है। ईश्वर की इच्छा का पालन करने से और वायलेट लौ (violet flame) की सहायता से जब आभामंडल (aura) शुद्ध हो जाता है तो हृदय में प्रकाश और प्रेम बढ़ने लगता है - यह प्रेम ही त्रिज्योति लौ (threefold flame) को बढ़ा सकता है। हमें ज्ञान की किरण को भी बढ़ाना है और ईश्वरीय ऊर्जा को भी।

जब आपका आभामंडल ज्ञान की अग्नि से परिपूर्ण हो जाता है, तो यह एक सुनहरे वस्त्र का रूप धारण करता है - यह सुनहरा वस्त्र आपकी अपनी आंतरिक उपलब्धि को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि आप अपनी आभा द्वारा ही ऑर्डर ऑफ द गोल्डन रोब की सदस्यता को दर्शातें हैं। केवल उन व्यक्तियों को ही ब्रदर्स एंड सिस्टर्स ऑफ़ द गोल्डन रोब के अंतर्गत माना जा सकता है जिनका आभामंडल ज्ञान से संतृप्त है।

वर्ग का अनुशासन

सदस्यों के अनुशासन के बारे में कुथुमी कहते हैं:

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि जब आप मेरे इस आश्रय स्थल पर आएंगे तो इन बड़े बड़े कमरों में, आँगन में और इन रास्तों पर सुनहरा चोला पहने हुए लोगों को देखेंगे। हाथों में पुस्तक लिए ये या तो ईश्वर की उपासना कर रहे होंगे या फिर पूर्व और पश्चिम की आध्यात्मिक शिक्षाओं पर विचार कर रहे होंगे। वे हमारे सन्देशवाहकों द्वारा दिए गए हमारे प्रकाशित और अप्रकाशित आदेशों की समीक्षा करते हैं - हमारे पास एक संपूर्ण पुस्तकालय है।

और इस सदी के छात्रों को इस जन्म और पूर्व जन्मों में क्या ज्ञान दिया गया है, इस बात का अध्ययन करके उन्हें यह समझ में आता है कि प्रकाशवाहक और प्रबुद्ध (lightbearers) पदक्रम (Hierarchy) मार्ग के द्वारा पृथ्वी के लोगों की ज़रूरतों के बारे में समझतें हैं, विशेषकर उन लोगों की ज़रूरतें जो विश्व शिक्षकों (World Teacher) के अनुयायी बनना चाहते हैं। इस प्रकार प्रकाशवाहक वह सब जानते हैं जो उन्हें पता होना चाहिए; वे यह भी जानते हैं कि उन्हें अपने स्वाध्याय में किस बात को महत्व देना चाहिए ताकि वे उन लोगों की सहायता कर सकें जो प्रतिदिन हमारे पास प्रशिक्षण और आध्यात्मिक उत्थान के लिए आते हैं।

देखिए, सुनहरे वस्त्र वाले इन भाइयों और बहनों के लिए कोई भी विचार,शब्द, भावना या क्षण निष्क्रिय नहीं है - वे मैत्रेय के निगरानी में बोधिसत्व (bodhisattvas) बन कर बारहवें स्तर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित हैं। आप ये भी जान लीजिये कि द्वितीय किरण का मार्ग शब्द और सेवा - अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) - की ब्रह्मांडीय चेतना का आंतरिककरण है। इस तरह निरंतर ईश्वर के पथ पर चलते हुए सुनहरे वस्त्र पहने ये भाई और बहन ईश्वर के गुणों से आत्मसात द्वारा एकीकरण करते हैं।[2]

रूथ जोन्स (Ruth Jones)

१९७६ में कुथुमी ने रूथ जोन्स (Ruth Jones) के बारे में बताया जो इश्वरिये लौ की पालक (Keeper of the Flame) और इस वर्ग की सदस्य थी:

मैं आज एक इश्वरिये लौ की पालक (Keeper of the Flame) और सुनहरे वस्त्र वाले संगठन की सदस्य का आध्यात्मिक उत्थान (ascension) घोषित करता हूँ जिसने आप लोगों के बीच रह कर सेवा की थी। वह अपने साथ ज्ञान और इस बात की जानकारी लेकर आयीं थी कि ईश्वर के बच्चों की देखभाल कैसे करनी चाहिये। इश्वरिये लौ की पालक रूथ जोन्स का आध्यात्मिक उत्थान १९७६ का पहला आध्यात्मिक उत्थान था। रूथ जोन्स लगभग दस साल तक हमारे संदेशवाहकों (Messengers) के साथ पुनरुत्थान के आश्रयस्थल (Retreat of the Resurrection Spiral) पर रहीं। ईसा मसीह ने उन्हें कुछ समय के लिए कठिन रास्तों पर चलने की हिम्मत दी ताकि ईश्वर उन्हें अमरत्व प्रदान कर सकें।

जनवरी ३, १९७६ को शाम के ५ बजे, ईश्वर की कृपा से यह बेटी उत्थान की लौ (ascension flame) में समावेश हुई। उन्होंने सचेत अवस्था में अपनी इच्छा से पार्थिव शरीर का त्याग करके उसे दिव्य शरीर में परिवर्तित किया और सभी बाधाओं को सहन करते हुए आशा और विश्वास के साथ संतों के आशीर्वाद से विजय प्राप्त की।

मैं (कुथुमी), रूथ जोन्स की दिव्य उपस्थिति के अधिकार से उसके दायित्व (mantle) के प्रकाश, निष्ठा और लगन के बारे में उन सब इश्वरिये लौ के पालक और जो लोग उच्च चेतना तथा रूथ जोन्स के आध्यात्मिक उत्थान पर विश्वास रखते हैं, यह घोषणा करता हूँ कि उनका आध्यात्मिक उत्थान भी संभव हैं। रूथ जोन्स का ह्रदय सन्देशवाहकों (Messengers) तथा दिव्यगुरूओं के प्रति कृतज्ञता से भरपूर है जिसकी वजह से उनका ईश्वर से पुनर्मिलन हुआ। वह सभी दिव्यगुरूओं के साथ मिलकर जीवात्माओं को आध्यात्मिक उत्थान का रास्ता एवं तरीका बताती हैं।[3]

वर्ग में जाने की शुरुआत

कुथुमी वर्ग में प्रवेश करने का आमंत्रण देते हैं:

मैं शांति के गुरु के रूप में जाना जाता हूँ, परन्तु मैं चाहूंगा कि मुझे केवल सुनहरे वस्त्र वाला भाई (brother of the Golden Robe) कहा जाए। यह वह वर्ग है जिसकी स्थापना सदियों पहले उन्होंने की थी जो जानते थे कि सच्चा ज्ञान ही शान्ति और अंततः समझदारी प्रदान करता है।[4] हम अपने संघ में आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त किये हुए उन सभी को गिनते हैं जिन्होंने मानव जाति को शांति प्रदान करने के लिए सुनहरे प्रकाश की लौ का समर्थन किया है। हम उनको भी अपने संघ का हिस्सा मानते हैं जो ईश्वर के ज्ञान का शांतिपूर्वक प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।

हम नए सदस्यों की खोज में हैं। यह लेख मैं आपको यह बताने के लिए लिख रहा हूँ कि हमारे प्रकोष्ठ (chambers), पुस्तकालय और आश्रयस्थलों में उनके लिए रिक्त स्थान है जो कर्मठतापूर्वक ईश्वर की उपासना करते हैं तथा ज्ञान के इच्छुक अन्य लोगों की सहायता को सदा तैयार रहते हैं।[5]

इसे भी देखिये

कुथुमी

कैथेड्रल ऑफ़ नेचर (कश्मीर में कुथुमी का आश्रयस्थल)

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.

एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, अप्रैल १६, १९७५

  1. संत जर्मेन, मार्च २२, १९७५
  2. कुथुमी, “The ‘Second Coming’ of the Saints,” Pearls of Wisdom, vol. 32, no. 61.
  3. कुथुमी एंड ब्रदर्स ऑफ़ गोल्डन रोब, “Keepers of the Flame Are Ascending Day by Day,” Pearls of Wisdom, vol. 19, no. 3, जनवरी १८, १९७६.
  4. Phil. 4:7.
  5. कुथुमी, Pearls of Wisdom, vol. 16, no. 11, मार्च १८, १९७३. Elizabeth Clare Prophet, The Opening of the Temple Doors, दूसरे अध्याय में भी प्रकाशित हुई