I AM Presence/hi: Difference between revisions
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Latest revision as of 23:21, 10 December 2024
ईश्वरीय स्वरूप (I AM THAT I AM); प्रत्येक जीवात्मा में ईश्वर की व्यक्तिगत उपस्थिति का केंद्र। व्यक्ति की ईश्वरीय-पहचान; दिव्य इकाई (Divine Monad); व्यक्तिगत स्रोत। आत्मा के स्तरों में केंद्रित जीवात्मा की उत्पत्ति जो भौतिक रूप के ठीक ऊपर है; व्यक्ति के लिए ईश्वरीय लौ का मानवीकरण।
इसे भी देखिये
आपके दिव्य स्वरूप का चार्ट (Chart of Your Divine Self)
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation
Exod. ३:१३–१५