Jump to content

Afra/hi: Difference between revisions

7 bytes removed ,  11 months ago
no edit summary
No edit summary
No edit summary
Line 11: Line 11:
श्याम वर्ण के बहुत सारे लोगों ने मोक्ष प्राप्त किया है, पर अगर हम आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें तो पाएंगे की वर्णों में कोई भेद नहीं होता - चाहे श्वेत हो या श्याम। स्वर्ग में जो गुरु हैं वे इस बात से नहीं जाने जाते की पृथ्वी पर उनका क्या वर्ण या धर्म था। पृथ्वी पर सभी वर्णों के प्राणी ईश्वर की ही उत्पत्ति हैं और प्रत्येक प्राणी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] में से किसी एक किरण के मार्ग पर चलता है। सातों किरणे ही दीक्षा के मार्ग की तरफ जाती हैं।
श्याम वर्ण के बहुत सारे लोगों ने मोक्ष प्राप्त किया है, पर अगर हम आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें तो पाएंगे की वर्णों में कोई भेद नहीं होता - चाहे श्वेत हो या श्याम। स्वर्ग में जो गुरु हैं वे इस बात से नहीं जाने जाते की पृथ्वी पर उनका क्या वर्ण या धर्म था। पृथ्वी पर सभी वर्णों के प्राणी ईश्वर की ही उत्पत्ति हैं और प्रत्येक प्राणी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] में से किसी एक किरण के मार्ग पर चलता है। सातों किरणे ही दीक्षा के मार्ग की तरफ जाती हैं।


श्वेत वर्ण के लोग ज्योति पर निपुणता प्राप्त करने पृथ्वी पर आते हैं उसके तीन रंग हैं पीला रंग जो 'समझदारी', गुलाबी रंग जो 'प्रेम' और सफ़ेद रंग जो 'निर्मलता' को दर्शाते है। इसी वजह से इनकी त्वचा का रंग इन तीनो रंग का मिश्रण होता है। इन सब लोगों को ईश्वर के सामने इन्ही सब गुणों में अपनी निपुणता दिखानी होती है। पीली त्वचा के लोग - चीन के निवासी - समझदारी की ज्योति पर सेवारत होते हैं, वरन लाल रंग की त्वचा वालों को अपने अंदर के प्रेम को ईश्वरीय प्यार में बदलना होता है।  
श्वेत वर्ण के लोग तीन रंगों की ज्योति पर निपुणता प्राप्त करने पृथ्वी पर आते हैं, पीला रंग जो 'समझदारी', गुलाबी रंग जो 'प्रेम' और सफ़ेद रंग जो 'निर्मलता' को दर्शाते हैं। इसी वजह से इनकी त्वचा का रंग इन तीनो रंग का मिश्रण होता है। इन सब लोगों को ईश्वर के सामने इन्ही सब गुणों में अपनी निपुणता दिखानी होती है। पीली त्वचा के लोग - चीन के निवासी - समझदारी की ज्योति पर सेवारत होते हैं, वरन लाल रंग की त्वचा वालों को अपने अंदर के प्रेम को ईश्वरीय प्यार में बदलना होता है।  


श्याम वर्ण के लोग नीली और वायलेट (बैंगनी) ज्योति से आते हैं। अफ्रीका की प्राचीन सभ्यताओं में लोगों की त्वचा के रंग में नीला और बैंगनी रंग झलकता था। ये रंग परमात्मा के पिता और माता स्वरुप [[Special:MyLanguage/Alpha and Omega|अल्फा और ओमेगा]] से आते है। नीला रंग प्रथम किरण का होता है तथा वायलेट सातवीं किरण का।  
श्याम वर्ण के लोग नीली और वायलेट (बैंगनी) ज्योति से आते हैं। अफ्रीका की प्राचीन सभ्यताओं में लोगों की त्वचा के रंग में नीला और बैंगनी रंग झलकता था। ये रंग परमात्मा के पिता और माता स्वरुप [[Special:MyLanguage/Alpha and Omega|अल्फा और ओमेगा]] से आते है। नीला रंग प्रथम किरण का होता है तथा वायलेट सातवीं किरण का।  
6,248

edits