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इसीलिए मैं आपके ऊपर अपने पुत्र (ईसा मसीह) की उस समय की आणविक उपस्तिथि (electronic presence) रखती हूँ जब वह ३३ वर्ष के थे। मेरे प्रियजनो, उनकी उपस्तिथि को पहचानिये, अनुभव कीजिये और वैसा ही बनने की इच्छा रखिये। रास्ते में आने वाली परीक्षाओं की चिंता मत कीजिये, इस बात को समझिये कि अगर आप अपने को उतना निपुण बना लेते हैं तो आपके पवित्र हृदय और निर्मल जीवन से प्ररेणा लेकर बहुत सारे लोग भवसागर के चक्कर से बच सकते हैं। | इसीलिए मैं आपके ऊपर अपने पुत्र (ईसा मसीह) की उस समय की आणविक उपस्तिथि (electronic presence) रखती हूँ जब वह ३३ वर्ष के थे। मेरे प्रियजनो, उनकी उपस्तिथि को पहचानिये, अनुभव कीजिये और वैसा ही बनने की इच्छा रखिये। रास्ते में आने वाली परीक्षाओं की चिंता मत कीजिये, इस बात को समझिये कि अगर आप अपने को उतना निपुण बना लेते हैं तो आपके पवित्र हृदय और निर्मल जीवन से प्ररेणा लेकर बहुत सारे लोग भवसागर के चक्कर से बच सकते हैं। | ||
मेरे प्रियजनों, मैं आपके समक्ष ऐसा करने का प्रस्ताव रखती हूँ। आपके इस प्रेमपूर्ण कार्य से, इस तरह के त्याग से, और इस रास्ते पर चलने में जो भी कष्ट आपके समक्ष आएंगे, उन सब के बदले में आपको पुण्य का प्रतिफल भी मिलेगा। परन्तु | मेरे प्रियजनों, मैं आपके समक्ष ऐसा करने का प्रस्ताव रखती हूँ। आपके इस प्रेमपूर्ण कार्य से, इस तरह के त्याग से, और इस रास्ते पर चलने में जो भी कष्ट आपके समक्ष आएंगे, उन सब के बदले में आपको पुण्य का प्रतिफल भी मिलेगा। परन्तु इस प्रतिफल को पाने क लिए आपको ईश्वर से अनुरोध करना होगा।<ref>मदर मेरी, “The Ineffable Love of Our Oneness,” २४ दिसंबर १९९३, published in {{POWref|36|70|, २९ दिसंबर १९९३,में प्रकाशित}}</ref> | ||
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Revision as of 10:21, 21 October 2023
निपुण ग्रेट वाइट ब्रदरहुड (Great White Brotherhood) का एक ऐसा शिष्य/ चेला है जो सभी विद्याओं में कुशल है, जिसका शारीरिक और प्राकृतिक कार्यों में नियंत्रण है, और जिसे भौतिक और प्राकृतिक शक्तियों (nature spirits) एवं पदार्थों के बारे में अथाह ज्ञान है; एक ऐसा व्यक्ति जो उच्च श्रेणी का रसायन शास्त्री है और आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर सेवारत है।
मदर मेरी (Mother Mary) बताती हैं:
आप मेरे पुत्र (ईसा मसीह), गौतम बुद्ध और पूर्वी देशों के दिव्य गुरुओं द्वारा दी गयी शिक्षाओं का सरल और विनम्र अध्यन कीजिये। आप सब इनके मार्ग पर चलकर इनसे स्वरूप होने का प्रयास कीजिए। आप सभी के पास निपुणता को प्राप्त करने का अवसर है। आपको केवल यह तय करना है कि इन गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलना ही आपका लक्ष्य है।
निपुण होने का अर्थ है ईश्वर के मन में प्रवेश करने के लिए अपने भीतर ईश्वर की लौ और ईश्वरीय गुणों में निपुणता प्राप्त करना। इसका मतलब यह है की आप किसी भी परिस्तिथि में विचलित नहीं होते, स्तिथि कितनी ही विषम क्यों न हो, आप अपने मार्ग पर पर अडिग रहते हैं। निपुण व्यक्ति सदा स्थिर भाव से रहते हैं, बिल्कुल ताई ची (T’ai Chi) के मध्य में। वह व्यक्ति स्वयं को सर्वोच्च रूप से ईश्वर के रूप में जानता है क्योंकि ईश्वर ने मानव की जगह ले ली है। यह एकीकरण ही आपका लक्ष्य है...
इसीलिए मैं आपके ऊपर अपने पुत्र (ईसा मसीह) की उस समय की आणविक उपस्तिथि (electronic presence) रखती हूँ जब वह ३३ वर्ष के थे। मेरे प्रियजनो, उनकी उपस्तिथि को पहचानिये, अनुभव कीजिये और वैसा ही बनने की इच्छा रखिये। रास्ते में आने वाली परीक्षाओं की चिंता मत कीजिये, इस बात को समझिये कि अगर आप अपने को उतना निपुण बना लेते हैं तो आपके पवित्र हृदय और निर्मल जीवन से प्ररेणा लेकर बहुत सारे लोग भवसागर के चक्कर से बच सकते हैं।
मेरे प्रियजनों, मैं आपके समक्ष ऐसा करने का प्रस्ताव रखती हूँ। आपके इस प्रेमपूर्ण कार्य से, इस तरह के त्याग से, और इस रास्ते पर चलने में जो भी कष्ट आपके समक्ष आएंगे, उन सब के बदले में आपको पुण्य का प्रतिफल भी मिलेगा। परन्तु इस प्रतिफल को पाने क लिए आपको ईश्वर से अनुरोध करना होगा।[1]
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation
- ↑ मदर मेरी, “The Ineffable Love of Our Oneness,” २४ दिसंबर १९९३, published in Pearls of Wisdom, vol. 36, no. 70, २९ दिसंबर १९९३,में प्रकाशित.