Ascended master/hi: Difference between revisions

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== See also ==
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Revision as of 17:41, 25 October 2023

ऐसा व्यक्ति जिसकी चेतना समय और स्थान के आयामों से परे है, जिसने ईश्वरीय चेतना[1]में निपुणता हासिल कर अपने ऊपर विजय प्राप्त कर ली है, तथा अपने सभी चक्र एवं अपने ह्रदय की ज्योत संतुलित कर ली है। दिव्यगुरु वो होता है जिसने कम से कम अपने 51 प्रतिशत कर्म को परिवर्तित कर लिया है, अपनी दिव्य योजना पूरी कर ली है, तथा रूबी किरण में दीक्षा ले, पवित्र अग्नि की सहायता से शीघ्रतापूर्वक अपने ईश्वरीय स्वरुप को धारण कर मोक्ष मोक्ष प्राप्त करने के अनुष्ठान तक पहुँच गया है। दिव्य गुरु वह है जो ईश्वर की चेतना में रहता है और सुप्तावस्था में पृथ्वीवासियों की जीवात्मा को आकाशीय स्तर पर आकाशीय आश्रय स्थल या आकाशीय शहर में ले जाकर शिक्षित करता है।

See also

List of ascended masters, cosmic beings and angels.

Sources

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.

  1. Phil. 2:5.