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[[File:Elijah taken up in a chariot of fire 1952.5.70.jpg|thumb|upright=1.4|''अग्नि के रथ में जाते हुए एलिज़ाह''(Elijah), जुसेप्पे ऐंजलि (Giuseppe Angeli)]] | [[File:Elijah taken up in a chariot of fire 1952.5.70.jpg|thumb|upright=1.4|''अग्नि के रथ में जाते हुए एलिज़ाह'' (Elijah), जुसेप्पे ऐंजलि (Giuseppe Angeli)]] | ||
आध्यात्मिक उत्थान वह प्रक्रिया है जिससे जीवात्मा का मिलन [[Special:MyLanguage/I AM Presence|आत्मा]] से होता है। आध्यात्मिक उत्थान तब होता है जब जीवात्मा एक समय और स्थान पर रहते हुए स्वयं को ईश्वरीय चेतना में परिष्कृत कर लेती है। यह नेक लोगों को ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार है जो उन्हें पृथ्वी लोक पर उनके निवास के अंत में जीवन का [[Special:MyLanguage/Last Judgment|सम्पूर्ण लेखा जोखा]] देख कर दिया जाता है।<ref>Rev. 10:13; 20:12, 13.</ref> | आध्यात्मिक उत्थान वह प्रक्रिया है जिससे जीवात्मा का मिलन [[Special:MyLanguage/I AM Presence|आत्मा]] से होता है। आध्यात्मिक उत्थान तब होता है जब जीवात्मा एक समय और स्थान पर रहते हुए स्वयं को ईश्वरीय चेतना में परिष्कृत कर लेती है। यह नेक लोगों को ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार है जो उन्हें पृथ्वी लोक पर उनके निवास के अंत में जीवन का [[Special:MyLanguage/Last Judgment|सम्पूर्ण लेखा जोखा]] देख कर दिया जाता है।<ref>Rev. 10:13; 20:12, 13.</ref> |
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