Translations:Great White Brotherhood/6/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
ब्रदरहुड का विचार [[Special:MyLanguage/mind of God|ईश्वर के दिमाग]] में सार्वभौमिक चेतना जिसे लोगोस (Logos) या शब्द के माध्यम से पैदा हुई जो ग्रेट व्हाइट वे (Great White Way) का शुद्ध प्रकाश था। परमपिता परमेश्वर न तो अधर्म देख सकते थे और न ही अन्याय। चेतना के माध्यम से वे पुरे ब्रह्मांड की प्रत्येक परिस्थति से वाकिफ थे। उन्होंने चैतन्य ज्ञान के इस विचार को ग्रेट व्हाइट ब्रदरहुड के रूप में स्थापित किया किया। और इस तरह अखंड सार्वभौमिक चेतना का जन्म हुआ।
ब्रदरहुड (Brotherhood) का विचार [[Special:MyLanguage/mind of God|ईश्वर के दिमाग]] में सार्वभौमिक चेतना जिसे लोगोस (Logos) या शब्द के माध्यम से पैदा हुई जो ग्रेट व्हाइट वे (Great White Way) का शुद्ध प्रकाश था। परमपिता परमेश्वर न तो अधर्म देख सकते थे और न ही अन्याय। चेतना के माध्यम से वे पुरे ब्रह्मांड की प्रत्येक परिस्थति से वाकिफ थे। उन्होंने चैतन्य ज्ञान के इस विचार को ग्रेट व्हाइट ब्रदरहुड के रूप में स्थापित किया किया। और इस तरह अखंड सार्वभौमिक चेतना का जन्म हुआ।

Revision as of 11:00, 15 December 2023

Information about message (contribute)
This message has no documentation. If you know where or how this message is used, you can help other translators by adding documentation to this message.
Message definition (Great White Brotherhood)
The idea of the Brotherhood was born in the [[mind of God]] through the universal Christ consciousness who was the Logos, the pure Light of the Great White Way. God the Father could not behold evil nor look upon iniquity, but through the Christ, he was in touch with every situation in the universe. The Christ-intelligence endowed the Father’s concept with the tangible Reality of the Great White Brotherhood. Thus was born the seamless garment of the universal Christ consciousness.

ब्रदरहुड (Brotherhood) का विचार ईश्वर के दिमाग में सार्वभौमिक चेतना जिसे लोगोस (Logos) या शब्द के माध्यम से पैदा हुई जो ग्रेट व्हाइट वे (Great White Way) का शुद्ध प्रकाश था। परमपिता परमेश्वर न तो अधर्म देख सकते थे और न ही अन्याय। चेतना के माध्यम से वे पुरे ब्रह्मांड की प्रत्येक परिस्थति से वाकिफ थे। उन्होंने चैतन्य ज्ञान के इस विचार को ग्रेट व्हाइट ब्रदरहुड के रूप में स्थापित किया किया। और इस तरह अखंड सार्वभौमिक चेतना का जन्म हुआ।