Translations:El Morya/23/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
आर्चबिशप बनने के बाद बेकेट ने अपनी प्रशासनिक क्षमताओं और कूटनीतिक कुशलता का बहुत अच्छा प्रयोग किया। उन्होंने पोप के पद का उसी प्रबलता के साथ समर्थन किया जितना वह पहले राजा (हैनरी) के पद का किया करते थे। यही नहीं, उन्होंने चर्च की संपत्ति के गैरकानूनी उपयोग और अन्य उल्लंघनों के लिए राजदरबारियों और रईसों का स्पष्ट रूप से बहिष्कार किया। राजा(हैनरी) द्वारा बंदी बनाये जाने की आशंका होने पर बेकेट इंग्लैंड छोड़कर फ्रांस में चले गए। फ्रांस में छह वर्ष तक रहने के बाद उनकी इंग्लैंड के राजा (हैनरी) के साथ कुछ हद तक सुलह हो गयी और वे वापिस इंग्लैंड आ गए। परन्तु यह सुलह ज़्यादा समय नहीं टिकी और उन दोनों में एक नए सिरे से झगडे शुरू हो गए।
आर्चबिशप बनने के बाद बेकेट ने अपनी प्रशासनिक क्षमताओं और कूटनीतिक कुशलता का बहुत अच्छा प्रयोग किया। उन्होंने पोप के पद का उसी प्रबलता के साथ समर्थन किया जितना वह पहले राजा (हैनरी) के पद का किया करते थे। यही नहीं, उन्होंने चर्च की संपत्ति के गैरकानूनी उपयोग और अन्य उल्लंघनों के लिए राजदरबारियों और रईसों का स्पष्ट रूप से बहिष्कार किया। राजा (हैनरी) द्वारा बंदी बनाये जाने की आशंका होने पर बेकेट इंग्लैंड छोड़कर फ्रांस में चले गए। फ्रांस में छह वर्ष तक रहने के बाद उनकी इंग्लैंड के राजा (हैनरी) के साथ कुछ हद तक सुलह हो गयी और वे वापिस इंग्लैंड आ गए। परन्तु यह सुलह ज़्यादा समय नहीं टिकी और उन दोनों में एक नए सिरे से झगडे शुरू हो गए।

Revision as of 09:03, 7 April 2024

Information about message (contribute)
From The Masters and Their Retreats
Message definition (El Morya)
Becket turned his administrative abilities and diplomatic finesse as a distinguished chancellor into ardour and devotion as archbishop. He became as strong a supporter of the papacy as he had once been of the king and freely excommunicated courtiers and nobles for their unlawful use of church property and other breaches. In the face of the king’s intent to imprison him, Becket exiled himself to France for six years. He returned to England following a partial reconciliation with the king, only to begin quarreling with him anew.

आर्चबिशप बनने के बाद बेकेट ने अपनी प्रशासनिक क्षमताओं और कूटनीतिक कुशलता का बहुत अच्छा प्रयोग किया। उन्होंने पोप के पद का उसी प्रबलता के साथ समर्थन किया जितना वह पहले राजा (हैनरी) के पद का किया करते थे। यही नहीं, उन्होंने चर्च की संपत्ति के गैरकानूनी उपयोग और अन्य उल्लंघनों के लिए राजदरबारियों और रईसों का स्पष्ट रूप से बहिष्कार किया। राजा (हैनरी) द्वारा बंदी बनाये जाने की आशंका होने पर बेकेट इंग्लैंड छोड़कर फ्रांस में चले गए। फ्रांस में छह वर्ष तक रहने के बाद उनकी इंग्लैंड के राजा (हैनरी) के साथ कुछ हद तक सुलह हो गयी और वे वापिस इंग्लैंड आ गए। परन्तु यह सुलह ज़्यादा समय नहीं टिकी और उन दोनों में एक नए सिरे से झगडे शुरू हो गए।