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आत्मज्ञान (enlightenment), शांति (peace) और सद्भाव (harmony) का एक ऐसा चक्र जिसमें मानव जाति की जीवात्माएं ईश्वर की दिव्य योजना की "जैसा ऊपर (आकाशीय स्तर), वैसा नीचे (भौतिक स्तर)" पूर्ति करने के लिए दिव्य लौ में विलीन हो जाती हैं। मानव के आकाशीय शरीर का अन्य तीन शरीरों के साथ मिलना, जब ऐसा होगा तो दिव्य | आत्मज्ञान (enlightenment), शांति (peace) और सद्भाव (harmony) का एक ऐसा चक्र जिसमें मानव जाति की जीवात्माएं ईश्वर की दिव्य योजना की "जैसा ऊपर (आकाशीय स्तर), वैसा नीचे (भौतिक स्तर)" पूर्ति करने के लिए दिव्य लौ में विलीन हो जाती हैं। मानव के आकाशीय शरीर का अन्य तीन शरीरों के साथ मिलना, जब ऐसा होगा तो दिव्य चेतना, जो फिलहाल आकाशीय स्तर पर है, धरती पर उतर आएगा। |
Revision as of 10:49, 10 December 2024
आत्मज्ञान (enlightenment), शांति (peace) और सद्भाव (harmony) का एक ऐसा चक्र जिसमें मानव जाति की जीवात्माएं ईश्वर की दिव्य योजना की "जैसा ऊपर (आकाशीय स्तर), वैसा नीचे (भौतिक स्तर)" पूर्ति करने के लिए दिव्य लौ में विलीन हो जाती हैं। मानव के आकाशीय शरीर का अन्य तीन शरीरों के साथ मिलना, जब ऐसा होगा तो दिव्य चेतना, जो फिलहाल आकाशीय स्तर पर है, धरती पर उतर आएगा।