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पृथ्वी लोक पर मनुष्य के जीवन में जो कुछ भी होता है वह [[Special:MyLanguage/akasha|आकाश]] के अभिलेखों में दर्ज हो जाता है। इस तरह प्रत्येक मनुष्य के अभिलेख आकाश में स्थित हैं। [[Special:MyLanguage/Adept|निपुण]] एवं मनौवैज्ञानिक इन अभिलेखों को पढ़ सकते हैं। [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरु]] (ascended masters) और अनारोहित निपुण (unascended adepts) आकाशीय अभिलेखों को उसी आसानी से पढ़ सकते हैं जिस सरलता से पुरातत्व विज्ञानी पृथ्वी की भिन्न परतों को देख सकते हैं। उसी तरह ये आकाशीय अभिलेखों की भिन्न परतें खोल कर आसानी से बता सकते हैं कि | पृथ्वी लोक पर मनुष्य के जीवन में जो कुछ भी होता है वह [[Special:MyLanguage/akasha|आकाश]] के अभिलेखों में दर्ज हो जाता है। इस तरह प्रत्येक मनुष्य के अभिलेख आकाश में स्थित हैं। [[Special:MyLanguage/Adept|निपुण]] एवं मनौवैज्ञानिक इन अभिलेखों को पढ़ सकते हैं। [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरु]] (ascended masters) और अनारोहित निपुण (unascended adepts) आकाशीय अभिलेखों को उसी आसानी से पढ़ सकते हैं जिस सरलता से पुरातत्व विज्ञानी पृथ्वी की भिन्न परतों को देख सकते हैं। उसी तरह ये आकाशीय अभिलेखों की भिन्न परतें खोल कर आसानी से बता सकते हैं कि पृथ्वी के निर्माण के बाद से किसी भी युग में क्या हुआ था। | ||
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