Translations:Ascension/7/hi: Difference between revisions
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जब किसी व्यक्ति का आध्यात्मिक उत्थान भौतिक शरीर के साथ होता है, तब दिव्यगुरु उसके शरीर को अपने प्रकाश से ढक कर रूपांतरित करते हैं। आध्यात्मिक उत्थान की प्रक्रिया के दौरान जीवात्मा स्थायी रूप से प्रकाश से ढक जाती है, इसे ही "शादी का परिधान" या फिर [[Special:MyLanguage/deathless solar body|मृत्यु से परे सौर शरीर]] कहते हैं। [[Special:MyLanguage/Serapis Bey|सरापिस बेए]] ने इस प्रक्रिया का वर्णन अपने दस्तावेज़ "डोसियर आन एसेंशन" (Dossier on the Ascension) में किया है। | जब किसी व्यक्ति का आध्यात्मिक उत्थान भौतिक शरीर के साथ होता है, तब दिव्यगुरु उसके शरीर को अपने प्रकाश से ढक कर रूपांतरित करते हैं। आध्यात्मिक उत्थान की प्रक्रिया के दौरान जीवात्मा स्थायी रूप से प्रकाश से ढक जाती है, इसे ही "शादी का परिधान" या फिर [[Special:MyLanguage/deathless solar body|मृत्यु से परे सौर शरीर]] कहते हैं। [[Special:MyLanguage/Serapis Bey|सरापिस बेए]] (Serapis Bey) ने इस प्रक्रिया का वर्णन अपने दस्तावेज़ "डोसियर आन एसेंशन" (Dossier on the Ascension) में किया है। |
Revision as of 11:20, 6 November 2023
जब किसी व्यक्ति का आध्यात्मिक उत्थान भौतिक शरीर के साथ होता है, तब दिव्यगुरु उसके शरीर को अपने प्रकाश से ढक कर रूपांतरित करते हैं। आध्यात्मिक उत्थान की प्रक्रिया के दौरान जीवात्मा स्थायी रूप से प्रकाश से ढक जाती है, इसे ही "शादी का परिधान" या फिर मृत्यु से परे सौर शरीर कहते हैं। सरापिस बेए (Serapis Bey) ने इस प्रक्रिया का वर्णन अपने दस्तावेज़ "डोसियर आन एसेंशन" (Dossier on the Ascension) में किया है।