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== महादेवदूत माइकल का प्रकाश रुपी उपहार ==
== महादेवदूत माइकल का प्रकाश रुपी उपहार ==


महादेवदूत माइकल ने अपने प्यार भरे दिल से हमें एक और उपहार भी दिया है - एक [[Special:MyLanguage/dispensation|प्रकाश रुपी उपहार]] (dispensation) जो उन्होंने २२ अप्रैल १९६१ में बोस्टन, अमेरिका  
महादेवदूत माइकल ने अपने प्यार भरे दिल से हमें एक और उपहार भी दिया है - एक [[Special:MyLanguage/dispensation|प्रकाश रुपी उपहार]] (dispensation) जो उन्होंने २२ अप्रैल १९६१ में बोस्टन, अमेरिका में बतायी थी:  
(Boston), America में बतायी थी:  


<blockquote>मेरे प्रिय लोगो, आप में से कुछ लोग बड़ी उम्र के हैं जो अपने शरीर को त्यागने में बहुत समय नहीं लगाएंगे। कुछ लोगों की जीवात्मा तो सीधे मोक्ष को प्राप्त करेगी, और अन्य जिनकी मृत्यु होगी, उनकी जीवात्मा हमारे क्षेत्र में आएगी। मैं आपसे वादा करता हूँ कि अगर आप उस समय  अपने मन में मुझे पुकारेंगे तो मैं तुरंत आपके पास हाज़िर हो जाऊँगा और निधन के समय आपकी मदद करूँगा। मैं वादा करता हूँ कि मैं आपको कर्मो के बंधन और भय से मुक्त कर के प्रकाश क्षेत्रों में प्रवेश करने में सहायता करूँगा।
<blockquote>मेरे प्रिय लोगो, आप में से कुछ लोग बड़ी उम्र के हैं जो अपने शरीर को त्यागने में बहुत समय नहीं लगाएंगे। कुछ लोगों की जीवात्मा तो सीधे मोक्ष को प्राप्त करेगी, और अन्य जिनकी मृत्यु होगी, उनकी जीवात्मा हमारे क्षेत्र में आएगी। मैं आपसे वादा करता हूँ कि अगर आप उस समय  अपने मन में मुझे पुकारेंगे तो मैं तुरंत आपके पास हाज़िर हो जाऊँगा और निधन के समय आपकी मदद करूँगा। मैं वादा करता हूँ कि मैं आपको कर्मो के बंधन और भय से मुक्त कर के प्रकाश क्षेत्रों में प्रवेश करने में सहायता करूँगा।

Revision as of 14:46, 24 December 2023

महादेवदूत माइकल

महादेवदूत माइकल प्रथम किरण जो कि ईश्वरीय सुरक्षा, ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास, और ईश्वर की इच्छा को दर्शाती है, उसके महादेवदूत हैं। वह दूतों के सेनापति, आस्था के रक्षक और मुक्ति के महादेवदूत हैं और इन्हें देवदूतों का राजकुमार भी कहा जाता है। बुक ऑफ़ डैनिएल (Book of Daniel) नामक किताब में बताया गया है कि ये एक ऐसे राजकुमार हैं जो सदा इंसानों की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं।[1] इनकी दिव्य सहायिका का नाम फेथ.है।

ऐतिहासिक विवरण

यहूदी, ईसाई और इस्लाम के धर्मग्रंथो और परम्पराओं में महादेवदूत माइकल को सर्वाधिक पूजनीय माना गया है। इस्लाम के अनुसार वे प्रकृति के एक ऐसे देवदूत हैं जो मनुष्यों के लिए ज्ञान और भोजन दोनों की व्यवस्था करते हैं। यहूदी परम्परा के अनुसार महादेवदूत माइकल ने ही जेकब (Jacob) के साथ युद्ध किया था, इन्होंने ही सिनाकरिब (Sennacherib) की सेना को ध्वस्त कर तीन यहूदी बालकों को आग की भट्टी से निकाला था। यही नहीं, जब जोशुआ (Joshua), जेरिको (Jericho) के युद्ध में इस्राइल की सेना के नेतृत्व की तैयारी कर रहे थे, तब महादेवदूत माइकल ने उनको दर्शन दिए थे।

बुक ऑफ़ रेवेलशन (Book of Revelation) नामक पुस्तक में जॉन (John the Beloved) ने लिखा है कि वो महादेवदूत माइकल ही थे जिन्होंने शैतान और उसके दूतों को स्वर्ग लोक से निकाल कर पृथ्वी पर धकेल दिया था।[2]इससे हमें ये पता चलता है की पथभ्रष्ट देवदूतों ने पृथ्वी पर शारीरिक रूप धारण किया हुआ है और ये आत्मिक चेतना के ये शत्रु अभी भी यहीं हैं। महादेवदूत माइकल और उनकी नीली किरणों की असंख्य सेना (legions of blue lightning) ही मनुष्यों की आत्मिक चेतना के शत्रुओं (Antichrist) से रक्षा करते हैं।

महादेवदूत माइकल, पिएट्रो पेरुजीनो (Pietro Perugino) (लगभग १४९९)

उनकी तलवार और कवच

नीली तलवारें जो नीली लौ को दर्शाती हैं उसे हाथ में लिए, शक्तिशाली नीले कवच में सुसज्जित महादेवदूत माइकल अपनी सेना के साथ प्रतिदिन अशुद्ध स्थान (astral plane) में उतरते हैं। यहाँ वो जीवात्माएं जो शरीर छोड़ चुकी हैं और जो स्वर्ग लोक में जाने में असमर्थ हैं, उन को मुक्त करते हैं ताकि वे अपनी आगे की यात्रा कर पाएं और दिव्यगुरुओं के आश्रय स्थलों (retreats)पर जा सकें।

वह और इनके मुक्ति प्रदान करने वाले देवदूत अशुद्ध स्थान में जीवात्माओं के उद्धार के लिए दिन-रात काम करते हैं। वह जीवात्माओं को उनके कर्मों से मुक्ति दिलातें हैं और नकरात्मक शक्तियों से उनकी रक्षा भी करते हैं। वह कई युगों से पृथ्वी लोक पर सेवा कर रहें है, और माइकल कहते हैं कि वह तब तक ये काम करते रहेंगे जब तक कि हर एक जीवात्मा का उद्धार नहीं हो जाता।

उच्च चेतना वाले लोगों को अशुद्ध स्थान की संसारिक समस्याओं से बचाने के लिए महादेवदूत माइकल के पास नीली लौ की एक तलवार है जो शुद्ध प्रकाश से बनाई गई है। यह नीली लौ की तलवार एक प्रकार से नीली लौ के डंडे की तरह है जिसका प्रयोग माइकल तब से कर रहे हैं जब लूसिफेरियन (Luciferian)और लैगार्ड (laggard) (ऐसी आत्माएँ जो पृथ्वी पर अपनी दिव्य योजना को पूरा नहीं कर पायी और मोक्ष को प्राप्त करने में असमर्थ रही।) माइकल कहते हैं की ये तलवार ईश्वर की है। ईश्वर की यह भेंट महान केंद्रीय सूर्य (Great Central Sun) से सम्बंधित है जिसे उन्होंने हरक्यूलिस (Hercules) नामक एलोहीम (Elohim ) ने दी थी। नीली लौ की इस तलवार के आगे कोई नकारात्मक शक्ति टिक नहीं सकती।


आप भी इस नीली लौ की तलवार का आह्वाहन नीली लौ के दिव्य आदेशों द्वारा कर सकते हैं। इसकी कल्पना आप अपनी रसोई के गैस स्टोव के बर्नर में उज्ज्वल नीली लौ के रूप में करें। प्रतिदिन जब आप दिव्य आदेश (decrees) करें तो अपनी कल्पना में इस नीली तलवार को अपने दाहिने हाथ में लेकर चारों तरफ घुमाएं और इस बात का विश्वास करें की यह तलवार आपके सभी बंधनों को काट रही है - वे सभी बंधन जो आपको आत्मिक स्तर पर विजयशील होने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। तब आप अपने पृथ्वी ग्रह के लोगों की मोक्ष प्राप्ति और रक्षा की कल्पना करते हुए दिव्य आदेश करें। ऐसा रोज़ करने पर आप अपनी तथा अपने ग्रह की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे।

नकरात्मक शक्तियों से लड़ने के लिए आगे बढ़ते समय आप महादेवदूत माइकल के दिव्य आदेशों का आह्वाहन उनके अदृश्य, अपराजेय और अभेद्य नीले कवच को पाने के लिए कर सकते हैं। महादेवदूत माइकल उच्च चेतना वाले लोगों की आध्यात्मिक “शील्ड” (Shield) नामक संस्था के सदस्य है - ये सभी सदस्य चौबीसों घंटे इस पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक स्त्री, पुरुष और बच्चे के आत्मिक ज्ञान की रक्षा में लीन रहते हैं।

शैतान को पराजित करते हुए महादेवदूत माइकल, गुइडो रेनी (१६३५)

महादेवदूत माइकल का सेवाकार्य

महादेवदूत माइकल हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। वह अपनी दूतों की सेना के साथ हज़ारों सालों से हमारी सुरक्षा करते आ रहे हैं - हमारी देखभाल करते हैं, हमें भगवान् के मार्ग पर अडिग रखते हैं, कभी-कभी डांटते भी हैं ताकि हम यह समझ पाएं कि हर एक मनुष्य के जीवन की ईश्वर द्वारा निर्धारित एक दिव्य योजना (divine plan) है जिसके अनुसार उसे काम करना चाहिए। ईश्वर का प्रेम कितना कोमल और शीतल है इसका अहसास वह हमें कराते हैं। वह अपने देवदूतों द्वारा समय समय पर हमें अपना स्नेह भी दर्शाते हैं।

गॉडेस ऑफ़ लिबर्टी (Goddess of Liberty) कहती हैं: “महादेवदूत माइकल आपके साथ हैं और वह आपके बुलाने पर हमेशा आते हैं,जब आप दिव्य आदेशों को करने की गति शक्ति को बढ़ा लेते हैं ऐसा करने से मदद के लिए लगाई गई आपकी प्रार्थना तुरंत सुनी जाती है [3] महादेवदूत माइकल ने हमें यह वचन दिया है कि अगर हम प्रतिदिन सिर्फ बीस मिनट के लिए भी दिव्य आदेशों को करते हैं, तो वे एक देवदूत को सदा हमारे साथ रखेंगे।

मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ कि मैं सारी शंकाएं और प्रश्नो का समाधान आपको दूँगा इस से आपको परमपिता परमेश्वर का अनंत स्नेह मिलेगा। यह शक्ति और विश्वास अटल सत्य है।”[4]

कठिन समय से गुज़ारना कभी कभी ज़रूरी भी होता है क्योंकि ऐसे समय में ही हम यह जान पाते हैं कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो न केवल हमारा समर्थन कर रही हैं वरन हमारी जीत के लिए प्रार्थना भी कर रही हैं। हालाँकि जब कोई महादेवदूत हमें सरंक्षण देता है तो ये हमारी ज़िम्मेदारी बन जाती है कि हम उनके इस उपहार को ग्रहण करें, उनकी मध्यस्थता और मदद का आह्वान करें। वह कहते हैं, “ईश्वर की कृपा से प्राप्त द्रष्टि से जब हमें स्पष्ट दिखने लगता हैं, तब विश्वास की क्या आवश्यकता? विश्वास की आवश्यकता मुझे नहीं है, मुझे तो ये विश्वास आपको देना है - आपको इस विश्वास की ज़रुरत है।”[5]

अधिकतर मामलों में, जीवन की लड़ाई महत्वपूर्ण निर्णयों पर नहीं बल्कि दिन-प्रतिदिन के छोटे-छोटे अनुभवों पर जीती जाती है। जब आप मन में पूर्ण विश्वास लिए ईश्वर की ओर झुकते हैं तो वह आप पर कृपा करते हैं और अगर आप क्षण भर के लिए नकारात्मक स्थितियों से घिर जाते हैं तो ईश्वर के प्रति विश्वास का मार्ग मानो “एक चमकती हुई पवित्र प्रकाश की डोर (crystal cord) जो जीवात्मा को आत्मा (मनुष्य के शरीर में स्थित ईश्वर का अंश) से जोड़ता है।”[6] कभी कभी ऐसा सामान्य सा विचार ही जीवन की सम्पूर्ण नकारात्मकता को ख़त्म करने की लिए काफी होता है।

महादेवदूत माइकल का प्रकाश रुपी उपहार

महादेवदूत माइकल ने अपने प्यार भरे दिल से हमें एक और उपहार भी दिया है - एक प्रकाश रुपी उपहार (dispensation) जो उन्होंने २२ अप्रैल १९६१ में बोस्टन, अमेरिका में बतायी थी:

मेरे प्रिय लोगो, आप में से कुछ लोग बड़ी उम्र के हैं जो अपने शरीर को त्यागने में बहुत समय नहीं लगाएंगे। कुछ लोगों की जीवात्मा तो सीधे मोक्ष को प्राप्त करेगी, और अन्य जिनकी मृत्यु होगी, उनकी जीवात्मा हमारे क्षेत्र में आएगी। मैं आपसे वादा करता हूँ कि अगर आप उस समय अपने मन में मुझे पुकारेंगे तो मैं तुरंत आपके पास हाज़िर हो जाऊँगा और निधन के समय आपकी मदद करूँगा। मैं वादा करता हूँ कि मैं आपको कर्मो के बंधन और भय से मुक्त कर के प्रकाश क्षेत्रों में प्रवेश करने में सहायता करूँगा। यह उपहार जो मैं आपको दिल से देता हूँ मेरा सौभाग्य है। मैं यह न सिर्फ बोस्टन, अमेरिका (Boston, America) के लोगों को देता हूँ बल्कि सारे संसार के उन सभी लोगों को देता हूँ जो ईश्वर में विश्वास रखते हैं और ये मानते हैं कि ईश्वर हर समय उनके साथ रहते हैं। मैं माइकल, जिन्हें महादेवदूतों का राजकुमार भी कहा जाता है, पृथ्वी के निवासियों को ब्रह्माण्डीय सेवा प्रदान करता हूँ। [7]

महादेवदूत माइकल ने १९९२ में निम्नलिखित प्रकाश रुपी उपहार के बारे में बताया था:

सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम पर, मैं, महादेवदूत माइकल, आप में से हर एक व्यक्ति को अपनी सेना में से एक शक्तिशाली देवदूत देता हूँ जो सदा आपके साथ रहेगा जब तक आप मेरे दिव्य आदेशों को करेंगें। ईश्वरीय नियम (Great Law) के अनुसार, कम से कम २० मिनट मेरे दिव्य आदेशों को करना आवश्यक है, और जब आप यह करेंगे, वह देवदूत जो आपको सौंपा गया है आपका साथ नहीं छोड़ेगा और अंत समय तक आपके साथ रहेगा।[8]

आश्रय स्थल

मुख्य लेख: रक्षा और विश्वास का मंदिर

महादेवदूत माइकल का आकाशीय आश्रय स्थल (Retreat) बांफ में कैनेडियन रॉकीज़ (Canadian Rockies at Banff) पर है - यह स्थल लेक लूइस (Lake Louise) के पास है। उनका प्रकाश का केंद्र मध्य यूरोप (Central Europe) में भी है। “The Navy Hymn” (“Eternal Father, Strong to Save”) इनका मूल राग (keynote) है। महादेवदूतों और देवदूतों के आह्वान के लिए Lohengrin से “Bridal Chorus” के संगीत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं

महादेवदूत माइकल पूरे संसार के पुलिस विभागों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रायोजक (sponsor) हैं।`

इसे भी देखिये

ब्रह्मांडीय जीव फेथ (cosmic being Faith) के बारे में जानकारी के लिए यहां देखें फेथ, होप और चैरिटी (Faith, Hope and Charity)

महादेवदूत माइकल की जपमाला

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “माइकल और फेथ”

  1. Dan. 12:1.
  2. Rev. 12:7–9.
  3. एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, “How Angels Help You to Protect Yourself and Those You Love,” २१ फरवरी १९९३
  4. महादेवदूत माइकल, “Hail, Children of the White-Fire Sun,” ४ जुलाई 1971
  5. महादेवदूत माइकल, “When the Heart Cries Out to God,” Pearls of Wisdom, vol. 13, no. 35, ३० अगस्त १९७०.
  6. Ibid.
  7. महादेवदूत माइकल, “A Divine Mediatorship,” Pearls of Wisdom, vol. 25, no. 45, ७ नवम्बर 1982.
  8. महादेवदूत माइकल, “Meet Us Halfway” Pearls of Wisdom, vol. 35, no. 50, ८ नवम्बर 1992.