Translations:Jesus/2/hi: Difference between revisions

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दिव्यगुरु ईसा मसीह। मीन युग के [[Special:MyLanguage/avatar|अवतार]]; (ईश्वर के) शब्द का अवतार, [[Special:MyLanguage/Universal Christ|सार्वभौमिक आत्मा ]]; [[Christ consciousness|आत्मिक चेतना]] का उदाहरण, जिसे मीन युग के दो-हजार वर्ष की [[Special:MyLanguage/consciousness|व्यवस्था]] में ईश्वर के बच्चों द्वारा चित्रित किया गया था; वे जिन्होंने [[Special:MyLanguage/Christ Self|आत्मिक स्व]] की पूर्णता को महसूस किया जिसके कारण उनका नाम जीसस, द क्राइस्ट पड़ा। वे संपूर्ण मानव जाति को यह बताने आये थे की जिस प्रकार वे [[Special:MyLanguage/I AM Presence|ईश्वरीय स्वरुप]] को निपुणता से हासिल कर सकते, पृथ्वी पर रहनेवाला हर मनुष्य कर सकता है।
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Latest revision as of 13:27, 26 March 2024

Information about message (contribute)
SGOA
Message definition (Jesus)
The Ascended Master Jesus Christ. The [[avatar]] of the Piscean age; the incarnation of the Word, the [[Universal Christ]]; the example of the [[Christ consciousness]] that was to have been outpictured by the children of God in the two-thousand-year [[dispensation]] of the Piscean age; one who realized the fullness of the [[Christ Self]] and was therefore called Jesus, the Christ. He came to reveal the individual Christ Self to all mankind and to show the works of the Father (the [[I AM Presence]]) that can be accomplished by his sons and daughters in and through the flame of the individual Christ Self.

दिव्यगुरु ईसा मसीह। मीन युग के अवतार; (ईश्वर के) शब्द का अवतार, सार्वभौमिक आत्मा ; आत्मिक चेतना का उदाहरण, जिसे मीन युग के दो-हजार वर्ष की व्यवस्था में ईश्वर के बच्चों द्वारा चित्रित किया गया था; वे जिन्होंने आत्मिक स्व की पूर्णता को महसूस किया जिसके कारण उनका नाम जीसस, द क्राइस्ट पड़ा। वे संपूर्ण मानव जाति को यह बताने आये थे की जिस प्रकार वे ईश्वरीय स्वरुप को निपुणता से हासिल कर सकते, पृथ्वी पर रहनेवाला हर मनुष्य कर सकता है।