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गौतम बुद्ध [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] के अधीन सेवा करने की दीक्षा लेनेवाले पहले व्यक्ति थे, इसलिए उन्हें विश्व के भगवान के पद पर सनत कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया। १ जनवरी, १९५६ को सनत कुमार ने अपना [[Special:MyLanguage/mantle|दायित्व]] भगवान गौतम को सौंप दिया, जिसके बाद महान गुरु के उत्कृष्ट चेला भी शंबाल्ला के प्रमुख बन गए। | गौतम बुद्ध [[Special:MyLanguage/Sanat Kumara|सनत कुमार]] (Sanat Kumara) के अधीन सेवा करने की दीक्षा लेनेवाले पहले व्यक्ति थे, इसलिए उन्हें विश्व के भगवान के पद पर सनत कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया। १ जनवरी, १९५६ को सनत कुमार ने अपना [[Special:MyLanguage/mantle|दायित्व]] (mantle) भगवान गौतम को सौंप दिया, जिसके बाद महान गुरु के उत्कृष्ट चेला भी शंबाल्ला के प्रमुख बन गए। |
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गौतम बुद्ध सनत कुमार (Sanat Kumara) के अधीन सेवा करने की दीक्षा लेनेवाले पहले व्यक्ति थे, इसलिए उन्हें विश्व के भगवान के पद पर सनत कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया। १ जनवरी, १९५६ को सनत कुमार ने अपना दायित्व (mantle) भगवान गौतम को सौंप दिया, जिसके बाद महान गुरु के उत्कृष्ट चेला भी शंबाल्ला के प्रमुख बन गए।