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सर्प वह दुष्ट है जिसका बीज शैतान के बीज के साथ अच्छे लोगों में बोया जाता है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार गेहूं में जंगली बीज उगता है। इसे वाईपर (नाग) की संतान कहा जाता है। वाईपर वह है जिसे उसके गिरोह के पथभ्रष्ट लोगों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद इन लोगों ने पृथ्वी पर जन्म लिया। उस भयानक विद्रोह के बाद से वाईपर ने पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेना जारी रखा है।<ref >{{OSS}}, अध्याय ३३.</ref> | सर्प वह दुष्ट है जिसका बीज शैतान के बीज के साथ अच्छे लोगों में बोया जाता है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार गेहूं में जंगली बीज उगता है। इसे वाईपर (नाग) की संतान कहा जाता है। वाईपर वह है जिसे उसके गिरोह के पथभ्रष्ट लोगों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद इन लोगों ने पृथ्वी पर जन्म लिया। उस भयानक विद्रोह के बाद से वाईपर ने पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेना जारी रखा है।<ref >{{OSS}}, अध्याय ३३.</ref> | ||
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सर्प वह दुष्ट है जिसका बीज शैतान के बीज के साथ अच्छे लोगों में बोया जाता है ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार गेहूं में जंगली बीज उगता है। इसे वाईपर (नाग) की संतान कहा जाता है। वाईपर वह है जिसे उसके गिरोह के पथभ्रष्ट लोगों के साथ स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद इन लोगों ने पृथ्वी पर जन्म लिया। उस भयानक विद्रोह के बाद से वाईपर ने पृथ्वी पर पुनर्जन्म लेना जारी रखा है।[1]
- ↑ Elizabeth Clare Prophet, The Opening of the Seventh Seal: Sanat Kumara on the Path of the Ruby Ray, अध्याय ३३.