Great Central Sun/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
No edit summary
Tags: Mobile edit Mobile web edit
No edit summary
Line 7: Line 7:
महान केंद्रीय सूर्य और अणु के रंगीन वृत्त (color bands) ईश्वर की चेतना के विभिन्न स्तर हैं जो केवल उनकी आवृत्ति, या कंपन से भिन्न होते हैं। श्वेत अग्नि सत्व [[Special:MyLanguage/Spirit|आत्मा]] के [[Special:MyLanguage/Matter|पदार्थ]] बनने और पदार्थ के आत्मा बनने का केंद्र बिंदु है। इस प्रकार केंद्र (आत्मा-पदार्थ ब्रह्मांड का केंद्र) तथा प्रत्येक अणु के हृदय में आध्यात्मिक और भौतिक सूर्य दोनों उपस्थित हैं। श्वेत अग्नि सत्व में आत्मा और पदार्थ की एक साथ अभिव्यक्ति सृजन के लिए आवश्यक घटक प्रदान करती है।  सृजन का स्थान सिर्फ यही है।   
महान केंद्रीय सूर्य और अणु के रंगीन वृत्त (color bands) ईश्वर की चेतना के विभिन्न स्तर हैं जो केवल उनकी आवृत्ति, या कंपन से भिन्न होते हैं। श्वेत अग्नि सत्व [[Special:MyLanguage/Spirit|आत्मा]] के [[Special:MyLanguage/Matter|पदार्थ]] बनने और पदार्थ के आत्मा बनने का केंद्र बिंदु है। इस प्रकार केंद्र (आत्मा-पदार्थ ब्रह्मांड का केंद्र) तथा प्रत्येक अणु के हृदय में आध्यात्मिक और भौतिक सूर्य दोनों उपस्थित हैं। श्वेत अग्नि सत्व में आत्मा और पदार्थ की एक साथ अभिव्यक्ति सृजन के लिए आवश्यक घटक प्रदान करती है।  सृजन का स्थान सिर्फ यही है।   


ग्यारह संकेंद्रित चक्र ईश्वर के अस्तित्व के मूल को घेरे हुए हैं। ये, केंद्र के साथ मिलकर, ईश्वरीय अणु में पाए जाने वाले चेतना के बारह स्तरों का निर्माण करते हैं - [[Special:MyLanguage/Seven rays|सात किरणें]] और [[Special:MyLanguage/Five secret rays|पांच गुप्त किरणें]]।
ग्यारह संकेंद्रित चक्र ईश्वर के अस्तित्व के बीजकोष को घेरे हुए हैं। ये, केंद्र के साथ मिलकर, ईश्वरीय अणु में पाए जाने वाले चेतना के बारह स्तरों का निर्माण करते हैं - [[Special:MyLanguage/Seven rays|सात किरणें]] और [[Special:MyLanguage/Five secret rays|पांच गुप्त किरणें]]।


<span id="See_also"></span>
<span id="See_also"></span>

Revision as of 10:26, 14 December 2024

Other languages:

महान केंद्रीय सूर्य(Great Central Sun), जिसे महान केंद्र(Great Hub) भी कहा जाता है, ब्रह्मांड का केंद्रबिंदु है; यह वह बिंदु है जहाँ ब्रह्मांड के आत्मा और पदार्थ के रूपों का एकीकरण होता है। यह समस्त भौतिक-आध्यात्मिक सृष्टि का प्रारंभ स्थल, ब्रह्मांडीय अंडे (Cosmic Egg) की नाभि, और श्वेत अग्नि बीजकोष (white-fire core) है। हमारी आकाशगंगा में ईश्वरीय सितारा, सीरियस

(God Star, Sirius) महान केंद्रीय सूर्य का केंद्र है।

ऐसा प्रतीत होता है मानो आध्यात्मिक सूर्य ब्रह्मांड के केंद्र में स्थित भौतिक सूर्य के पीछे है, परन्तु वस्तुतः ऐसा नहीं है। आध्यात्मिक सूर्य भौतिक सूर्य के ऊपर आच्छादित है पर एक अलग स्तर में हैं। व्यक्ति का कारण शरीर महान केंद्रीय सूर्य का एक नन्हा प्रतिरूप है। यही नहीं, पृथ्वी का प्रत्येक अणु इसी प्रकार के ऊर्जा मंडलों का स्वरूप है।

महान केंद्रीय सूर्य और अणु के रंगीन वृत्त (color bands) ईश्वर की चेतना के विभिन्न स्तर हैं जो केवल उनकी आवृत्ति, या कंपन से भिन्न होते हैं। श्वेत अग्नि सत्व आत्मा के पदार्थ बनने और पदार्थ के आत्मा बनने का केंद्र बिंदु है। इस प्रकार केंद्र (आत्मा-पदार्थ ब्रह्मांड का केंद्र) तथा प्रत्येक अणु के हृदय में आध्यात्मिक और भौतिक सूर्य दोनों उपस्थित हैं। श्वेत अग्नि सत्व में आत्मा और पदार्थ की एक साथ अभिव्यक्ति सृजन के लिए आवश्यक घटक प्रदान करती है। सृजन का स्थान सिर्फ यही है।

ग्यारह संकेंद्रित चक्र ईश्वर के अस्तित्व के बीजकोष को घेरे हुए हैं। ये, केंद्र के साथ मिलकर, ईश्वरीय अणु में पाए जाने वाले चेतना के बारह स्तरों का निर्माण करते हैं - सात किरणें और पांच गुप्त किरणें

इसे भी देखिये

केंद्रीय सूर्य

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Path to Immortality