Translations:Mary, the mother of Jesus/50/hi: Difference between revisions

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<blockquote>सिनेमा के आविष्कार के बाद से मनुष्य स्क्रीन में ही घुसा हुआ है। इस भूमि पर अन्धकार छाया हुआ है, मेरे बेटे के नाम का सम्मान करने बहुत काम बचे हैं। राजनीतिज्ञ अपने लौकिक ताज की तलाश में व्यस्त हैं। [[Special:MyLanguage/elemental|सृष्टि देवो]] ने हाल ही में एक दूसरे के साथ मुलाक़ात की है, और वे विश्व के प्रलयात्मक विनाश का प्रारम्भ करने वाले हैं। और यह विनाश तब तक चलता रहेगा जब तक कि स्वार्थी मनुष्यों का ह्रदय ईश्वर की ओर नहीं झुक जाता - ये स्वार्थी लोग मानवजाति की आवश्यकताओं को समझ नहीं पा रहें हैं।<ref>{{ऍमऍमएन}}, पृष्ठ २५८, २६०.</ref></blockquote>
<blockquote>सिनेमा के आविष्कार के बाद से मनुष्य स्क्रीन में ही घुसा हुआ है। इस भूमि पर अन्धकार छाया हुआ है, मेरे बेटे के नाम का सम्मान करने बहुत काम बचे हैं। राजनीतिज्ञ अपने लौकिक ताज की तलाश में व्यस्त हैं। [[Special:MyLanguage/elemental|सृष्टि देवो]] ने हाल ही में एक दूसरे के साथ मुलाक़ात की है, और वे विश्व के प्रलयात्मक विनाश का प्रारम्भ करने वाले हैं। और यह विनाश तब तक चलता रहेगा जब तक कि स्वार्थी मनुष्यों का ह्रदय ईश्वर की ओर नहीं झुक जाता - ये स्वार्थी लोग मानवजाति की आवश्यकताओं को समझ नहीं पा रहें हैं।<ref>{{MMN}}, पृष्ठ २५८, २६०.</ref></blockquote>

Latest revision as of 17:34, 20 December 2024

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Message definition (Mary, the mother of Jesus)
<blockquote>The land is plagued with darkness upon the screens of the invention of the motion picture. The land is plagued with darkness over the churches devoted to honor my Son’s name. The land is plagued with darkness as the political candidates struggle among themselves seeking a temporal crown.... The [[elemental]]s have communicated recently with one another, and they are preparing to execute cataclysmic strands of destruction that have only begun in the world order. And this shall come to pass unless the teachings of God shall be fulfilled in the hearts of many men and women presently totally dedicated to their own selves without understanding the great needs of humanity.<ref>{{MMN}}, pp. 258, 260.</ref></blockquote>

सिनेमा के आविष्कार के बाद से मनुष्य स्क्रीन में ही घुसा हुआ है। इस भूमि पर अन्धकार छाया हुआ है, मेरे बेटे के नाम का सम्मान करने बहुत काम बचे हैं। राजनीतिज्ञ अपने लौकिक ताज की तलाश में व्यस्त हैं। सृष्टि देवो ने हाल ही में एक दूसरे के साथ मुलाक़ात की है, और वे विश्व के प्रलयात्मक विनाश का प्रारम्भ करने वाले हैं। और यह विनाश तब तक चलता रहेगा जब तक कि स्वार्थी मनुष्यों का ह्रदय ईश्वर की ओर नहीं झुक जाता - ये स्वार्थी लोग मानवजाति की आवश्यकताओं को समझ नहीं पा रहें हैं।[1]

  1. Elizabeth Clare Prophet, Mary’s Message for a New Day, पृष्ठ २५८, २६०.