दिव्य और देहधारी चैतन्य जीवों का एक वर्ग जो मानवता को विवेक की ज्योति का बाँटने करने के लिए समर्पित है। दिव्यगुरु कुथुमी (Kuthumi) इस वर्ग के प्रमुख हैं। इनका आकाशीय आश्रय स्थल शिगात्सी (Shigatse) और कश्मीर (Kashmir) में है।