Translations:Portia/6/hi

From TSL Encyclopedia
Revision as of 19:23, 29 August 2024 by PoonamChugh (talk | contribs)

सुंदरता, पूर्णता और प्रचुरता के पिछले युगों में, न्याय का बोलबाला था। इससे पहले कि समय बदल और पृथ्वी पर कलह शुरू हो, पोर्शिया प्रकाश में विलीन हो गयीं। जब मानव जाति की न्याय की भावना विकृत हो गई, और पोर्शिया द्वारा किए गए सभी कार्यों में असंतुलन पैदा हो गया, तो यहाँ से जाने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था, इसीलिए वे शान्ति से स्वयं को समेट कर उच्च आध्यात्मिक स्तर पर चलीं गयीं।ईश्वर के नियमों के अनुसार दिव्यगुरू कभी भी मानवजाति के कार्यों में स्वतः हस्तक्षेप नहीं करते। जब मनुष्य दिव्य आदेश कर के उनका आह्वान करते हैं, तभी वे आते हैं।