Translations:Brothers and Sisters of the Golden Robe/11/hi
रोशनी और विवेक की किरण कोई नाज़ुक किरण नहीं है। यह आत्मिक चेतना द्वारा ईश्वरत्व तक पहुँचने का माध्यम है। ईश्वर की इच्छा और वायलेट लौ की सहायता से जब आभामंडल शुद्ध हो जाता है तो हृदय में रोशनी और प्रेम बढ़ने लगता है - यह प्रेम ही त्रिदेव ज्योत को बढ़ा सकता है। हमें विवेक की किरण को भी बढ़ाना है और ईश्वरीय ऊर्जा को भी।