Translations:Angel/14/hi

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अपने अनंत स्नेह के प्रतीक स्वरुप ईश्वर ने दिव्यदूतों को पदानुक्रम में ऊपर उठने के मार्ग दिए हैं। शताब्दियों तक विधाता के लिए निष्ठा और उसके द्वारा रचित सृष्टि की भक्ति करने के फलस्वरूप, दिव्यदूतों को उपहार के रूप में स्वेच्छा से कार्य करने का तथा जन्म लेने का अधिकार दिया जा सकता है। ऐसा होने पर दिव्यदूत देवताओं के साम्राज्य में विकास कर सकते हैं पर ऐसा तभी हो सकता है जब वे मनुष्यों की तरह इम्तिहानो का सामना कर उनमे उत्तीर्ण हों; ऐसे स्तिथि में दिव्यदूतों पर भी कर्म के सिद्धांत लागू होते हैं। जब वे इन सभी अपेक्षित मानकों पर खरे उतरते हैं तो दिव्यदूत भी आध्यात्मिक उत्थान के पथ से गुज़रते हुए महादेवदूत बन सकते हैं।