चैमुएल और चैरिटी (Chamuel and Charity)

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चैमुएल और चैरिटी तीसरी किरण के महादेवदूत (archangel) और उनकी दिव्य सहायिका हैं।

दिव्य सहायिका चैरिटी

महादेवदूत चैमुएल, जिनके नाम का अर्थ है (वह उन मनुष्यों की सेवा करते हैं) "जो भगवान की तलाश करता है"। चैमुएल और उनकी दिव्य सहायिका, चैरिटी, दिव्य प्रेम की तीसरी किरण के गुण प्रदान करते हैं इनका आश्रयस्थल - क्रिस्टल-गुलाबी लौ का मंदिर (Temple of the Crystal-Pink Flame) - सेंट लुइस, मिसौरी (St. Louis, Missouri) में है। ईश्वरीय प्रेम का एक वृत्तखण्ड (arc) इस आश्रयस्थल और तीसरी किरण के एलोहीम (Elohim), हेरोस और अमोरा (Heros and Amora) के बीच एक पुल बनाता है, जो लेक विन्निपेग (Winnipeg), मैनिटोबा (Manitoba), कनाडा (Canada) के पास आकाशीय स्तर पर है।

गुलाबी लौ वाले असंख्य दूतों के साथ, चैमुएल और चैरिटी सभी मानवों और सृष्टि देवो (elemental) के दिलों में भक्ति और दिव्य प्रेम की लौ को बढ़ाने के तरीके बताते हैं। वे आध्यात्मिक चेतना से मिलने वाले आनंद और ईश्वरत्व की रचनात्मक शक्तियों के उचित उपयोग करने की सलाह देते हैं।

द टॉवर ऑफ़ बेबल, पीटर ब्रुगेल द एल्डर (The Tower of Babel, Pieter Bruegel the Elder)

== बेबल की मीनार == (The Tower of Babel)

चैमुएल वह महादेवदूत हैं जिन्होंने उन लोगों को गलत साबित किया था जो निम्रोद की महिमा को दर्शाने के लिए उसके द्वारा निर्मित बेबल की मीनार (Tower of Babel) का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर रहे थे। रूबी किरण (ruby ray) के द्वारा ईश्वर का निर्णय भी चैमुएल के माध्यम से पृथ्वीलोक पर लोगों को मिला जिसके फलस्वरूप एक ही पल में उन लोगों के विचार बदल गए। वे एक-दुसरे के विरोध में बोलने लगे, [1] सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया, भय ने क्रोध का रूप ले लिया। यह क्रोध भगवान और उनके देवदूत के प्रति था क्योंकि लोग अब एक-दूसरे के साथ बात नहीं कर सकते थे, वे बुराई करने की साजिश भी नहीं कर सकते थे। भिन्न भिन्न भाषाएँ बोलने के कारण समाज की बुराइयों को तेजी से फैलने में रोक लग गयी थी। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि ईश्वर का प्रेम मानवजाति को तब तक अलग रखता है जब तक कि वे प्रेम में पूर्णतया सिद्ध नहीं हो जाते।

निम्रोद एक पथभ्रष्ट दूत था और वह दुनिया को अपने नियंत्रण में लेना चाहता था। यह पृथ्वीलोक में ऊँचें पदों पर होतें हैं, यह जीवन का कटु सत्य है। ये पृथ्वी पर तब से हैं जब स्वर्ग में हुए युद्ध में हारने के बाद महादेवदूत माइकल और उनके दूतों ने उन्हें स्वर्ग से निष्कासित कर पृथ्वी पर धकेल दिया था। अब ये हमारे बीच हमारी तरह ही भौतिक शरीर धारण करके रहते हैं जो अकसर मनुष्यों के शरीर की तुलना में बड़े होते हैं। सभी महादेवदूत ईश्वर के बच्चों की ओर से इन पथभ्रष्ट देवदूतों के साथ आज भी युद्ध करते रहते हैं। आप भी बच्चों, गरीबों, बेघरों और अपने कर्मों के भार से दबे हुए और पथभ्रष्ट दूतों के अत्याचार से पीड़ित लोगों के हित के लिए प्रार्थना द्वारा महादेवदूत माइकल और उनके दूतों की मदद कर सकते हैं।

उनकी सेवा

अपने कार्यभार के आधार पर, चामुएल और चैरिटी की सेनाएं कभी युद्ध की पोशाक और कभी औपचारिक पोशाक में दिखाई दे सकती हैं। कभी-कभी ये आपको सान्तवना देने के लिए माँ की कोमलता लिए आते हैं। कभी ये मुलायम गुलाबी शिफॉन परिधान में होते हैं और कभी गहरे गुलाबी रंग या रूबी किरण के रंग में होते हैं - सच कहें तो ये प्रकाश की महीन परतें हैं।

महादेवदूत चामुएल और चैरिटी आपको दूसरों के प्रति दया, करुणा और प्रेमपूर्ण दयालुता के गुण विकसित करना सिखाते हैं। वे आपको अन्याय की भावना की अपेक्षा दिव्य प्रेम में अटूट विश्वास रखना सिखाते हैं। वे आपको अपने हृदय में प्रेम को बढ़ाना सिखाते हैं। जब आप उनके नाम से भगवान की भक्ति और सेवा करते हैं तो वे आपके आभामंडल की परतों को स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।

चामुएल और चैरिटी कहते हैं:

जब भी आप वायलेट-लौ डिक्रीस करते हैं, सर्वशक्तिमान ईश्वर की स्तुति में गीत गाते हैं और दिल से प्रार्थना करते हैं, तो देवदूत आपके आभामंडल और शरीर से आपके कुछ बोझ हटा देते हैं।

यदि आप हमें आमंत्रित करेंगे तो हम आपके घर आएंगे। हम कठिन पारिवारिक परिस्थितियों में आपकी सहायता करेंगे। हम आपके दिल से सभी बोझ हटाएंगे। हम आपको नौकरी ढूंढने में भी मदद करेंगे! आप जो भी कहेंगे हम करेंगे, बशर्ते कि वह ईश्वर की दृष्टि में वैध हो।[2]

इसे भी देखिये

क्रिस्टल-गुलाबी लौ का मंदिर

बेबल की मीनार

ब्रह्मांडीय जीव चैरिटी के बारे में जानने के लिए, देखें चैरिटी, ब्रह्मांडीय जीव

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “चामुएल और चैरिटी”

  1. Gen। 11:1-9.
  2. एलिजाबेथ क्लेयर , १० मार्च, १९९६.