दिव्यगुरु जोरास्टर (Zarathustra) के द्वारा बताई गई अहुरा माज़दा (Ahura Mazda) की पवित्र अग्नि से लेकर, पवित्र आत्मा (Holy Ghost) के द्वारा ईसा मसीह के अग्नि से दीक्षा-स्नान तक धर्मदूत के अग्नि-परीक्षण (trial by fire) की जो भी संतानें लौ में प्रवेश करती हैं वे ईश्वर की ज्वलंत उपस्थिति का सम्मान करती हैं और उन्हें शेकिनाह (Shekinah) की महिमा के मध्य देखती हैं। और अपने दिल में वो सभी जीवात्माएं आत्मा से मिलन का इंतज़ार ऐसे करती हैं मानों कोई दुल्हन अपने दूल्हे की प्रतीक्षा कर रही हो। “प्रभु कहते हैं, मैं उन जीवात्माओं की रक्षा के लिए उनके चारों तरफ आग की दीवार बनूंगा”[1]