5,931
edits
(Created page with "== स्रोत ==") |
(Created page with "नोस्ट्राडेमस ने आने वाले समय में ईसा मसीह के तीन शत्रुओं का ज़िक्र किया था: अनुवादकों के अनुसार इनमे से पहले के नाम नेपोलीयन और दुसरे का नाम Special:MyLanguage/Hitler|हिटल...") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
'''छोटे अक्षरों''' में जब यह लिखा जाता है तो ये [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] और प्रकाश के विरोधी व्यक्ति या शक्तियों को दर्शाता है। | '''छोटे अक्षरों''' में जब यह लिखा जाता है तो ये [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] और प्रकाश के विरोधी व्यक्ति या शक्तियों को दर्शाता है। | ||
'''''विशेषण''''' इनमे ऐसे लक्षण होते हैं जो ईश्वर के प्रति इनके विरोध को दिखाते हैं, ये मनुष्यों की भगवान् होने की क्षमता को नहीं मानते और विभिन्न विकृतियों द्वारा जीवात्मा को नष्ट करते हैं | '''''विशेषण''''' इनमे ऐसे लक्षण होते हैं जो ईश्वर के प्रति इनके विरोध को दिखाते हैं, ये मनुष्यों की भगवान् होने की क्षमता को नहीं मानते और विभिन्न विकृतियों द्वारा जीवात्मा को नष्ट करते हैं | ||
<span id="The_Third_Antichrist"></span> | <span id="The_Third_Antichrist"></span> | ||
== ईसा मसीह का तृतीय शत्रु == | == ईसा मसीह का तृतीय शत्रु == | ||
[[Special:MyLanguage/Nostradamus|नोस्ट्राडेमस]] ने आने वाले समय में ईसा मसीह के तीन शत्रुओं का ज़िक्र किया था: अनुवादकों के अनुसार इनमे से पहले के नाम [[Special:MyLanguage/Napoleon|नेपोलीयन]] और दुसरे का नाम [[Special:MyLanguage/Hitler|हिटलर]] है। ४ अप्रैल १९९७ को [[Special:MyLanguage/El Morya|एल मोरया]] | [[Special:MyLanguage/Nostradamus|नोस्ट्राडेमस]] ने आने वाले समय में ईसा मसीह के तीन शत्रुओं का ज़िक्र किया था: अनुवादकों के अनुसार इनमे से पहले के नाम [[Special:MyLanguage/Napoleon|नेपोलीयन]] और दुसरे का नाम [[Special:MyLanguage/Hitler|हिटलर]] है। ४ अप्रैल १९९७ को [[Special:MyLanguage/El Morya|एल मोरया]] ने कहा था: | ||
<blockquote>आप ईश्वर से प्रार्थना कीजिये कि वे ईसा मसीह के शत्रुओं का नाश करें। ऐसे लोगों और इनके सभी साथियों को बांधना अत्यंत आवश्यक है। गलत मनुष्य और गलत सोच दोनों ही ईश्वर के शत्रु हैं। ये वहां पनपते हैं जहां नैतिक मूल्यों की कमी होती है, इंसान निर्बल होता है तथा समाज टूटा हुआ होता है।<ref>{{POWref|40|40|, ५ अक्टूबर १९९७ }}</ref></blockquote> | <blockquote>आप ईश्वर से प्रार्थना कीजिये कि वे ईसा मसीह के शत्रुओं का नाश करें। ऐसे लोगों और इनके सभी साथियों को बांधना अत्यंत आवश्यक है। गलत मनुष्य और गलत सोच दोनों ही ईश्वर के शत्रु हैं। ये वहां पनपते हैं जहां नैतिक मूल्यों की कमी होती है, इंसान निर्बल होता है तथा समाज टूटा हुआ होता है।<ref>{{POWref|40|40|, ५ अक्टूबर १९९७ }}</ref></blockquote> |
edits