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(Created page with "सूक्ष्म तल वही है जिसे कैथोलिक चर्च में नरक की घाटी कहा गया है। इसके ३३ स्तर जो इनके घनत्व के घटते क्रम के अनुसार विभाजित हैं। वे जीवात्माएं जिनका भौतिक शरीर छोड़ने के वक्त Special:MyLanguage/karm...") |
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सूक्ष्म तल वही है जिसे कैथोलिक चर्च में नरक की घाटी कहा गया है। इसके ३३ स्तर जो इनके घनत्व के घटते क्रम के अनुसार विभाजित हैं। वे जीवात्माएं जिनका भौतिक शरीर छोड़ने के वक्त [[Special:MyLanguage/karma|कर्मों]] का कुछ कर्ज़ रह जाता है, उन्हें थोड़ा समय सूक्ष्म तल पर रहना पड़ता है ताकि वे उस दर्द को महसूस कर सकें जो उन्होंने दूसरों को दिया है। इसके बाद ही वे अपने कर्मों को सन्तुलित करने हेतु पृथ्वी पर फिर से जन्म लेती हैं। | सूक्ष्म तल वही है जिसे कैथोलिक चर्च में नरक की घाटी कहा गया है। इसके ३३ स्तर जो इनके घनत्व के घटते क्रम के अनुसार विभाजित हैं। वे जीवात्माएं जिनका भौतिक शरीर छोड़ने के वक्त [[Special:MyLanguage/karma|कर्मों]] का कुछ कर्ज़ रह जाता है, उन्हें थोड़ा समय सूक्ष्म तल पर रहना पड़ता है ताकि वे उस दर्द को महसूस कर सकें जो उन्होंने दूसरों को दिया है। इसके बाद ही वे अपने कर्मों को सन्तुलित करने हेतु पृथ्वी पर फिर से जन्म लेती हैं। | ||
सूक्ष्म तल के निचले स्तरों पर रहनेवाली जीवात्माएं अपनी मृत्यु का इंतज़ार करतीं हैं। यह उनकी दूसरी मृत्यु कहलाती हैं जो उन्हें कोर्ट ऑफ़ सैफ्रेड फॉयरे के फोर एंड ट्वेंटी एल्डर्स देते हैं।<ref>See Rev. 20:11–15.</ref> | |||
यहाँ भी इन्हे उस दर्द को महसूस करना होता है जो इन्होने पृथ्वी पर अपने जीवनकाल में दूसरों को दिया होता है। | |||
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