6,480
edits
(Created page with "सदस्यों के अनुशासन के बारे में कुथुमी कहते हैं:") |
(Created page with "<blockquote> जब आप मेरे इस आश्रय स्थल पर आएंगे तो इन बड़े बड़े कमरों में, आँगन में और इन रास्तों पर सुनहरा चोला पहने हुए लोगों को देखेंगे। हाथों में पुस्तक लिए ये या तो ईश्वर की उपासना कर रहे ह...") |
||
Line 32: | Line 32: | ||
सदस्यों के अनुशासन के बारे में कुथुमी कहते हैं: | सदस्यों के अनुशासन के बारे में कुथुमी कहते हैं: | ||
<blockquote> | <blockquote> | ||
जब आप मेरे इस आश्रय स्थल पर आएंगे तो इन बड़े बड़े कमरों में, आँगन में और इन रास्तों पर सुनहरा चोला पहने हुए लोगों को देखेंगे। हाथों में पुस्तक लिए ये या तो ईश्वर की उपासना कर रहे होंगे या फिर पूर्व और पश्चिम की आध्यात्मिक शिक्षाओं पर विचार कर रहे होंगे। वे सन्देशवाहकों द्वारा दिए गए हमारे प्रकाशित और अप्रकाशित आदेशों की समीक्षा करते हैं - हमारे पास एक संपूर्ण पुस्तकालय है। | |||
<div lang="en" dir="ltr" class="mw-content-ltr"> | <div lang="en" dir="ltr" class="mw-content-ltr"> |
edits