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इस कमरे में एक असाधारण (fantastic) रेडियो रखा हुआ है जिसका आविष्कार महिला दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Leonora|लिओनोरा]] (Leonora) ने किया था। इस रेडियो द्वारा कोई भी इस सौर-मण्डल (solar system) के अन्य ग्रहों से और पृथ्वी पर कहीं भी, किसी से भी सम्पर्क स्थापित कर सकता है। यहाँ पर रासायनिक और विध्युत प्रयोगशालाएं हैं जहाँ वैज्ञानिकों को फ़ार्मुलों और आविष्कारों पर काम करने की अनुमति है - ये फ़ार्मुले और आविष्कार अटलांटिक महासागर के नीचे वायुरुद्ध ढंग से (hermetically) सील-बंद शहरों में रखे गए है। [[Special:MyLanguage/Atlantis|अटलांटिस]] (Atlantis) के डूबने के बाद से इन्हे वहाँ सुरक्षित ढंग से रखा गया है। इन सभी आविष्कारों को [[Special:MyLanguage/golden age|स्वर्ण युग]] (golden age) में मानव जाति के प्रयोग हेतु सामने लाया जाएगा - जब मनुष्य लालच, स्वार्थ, युद्ध और गलत वित्तीय नीतियों के माध्यम से दूसरों को नियंत्रित करने की इच्छा का त्याग करेगा। | इस कमरे में एक असाधारण (fantastic) रेडियो रखा हुआ है जिसका आविष्कार महिला दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Leonora|लिओनोरा]] (Leonora) ने किया था। इस रेडियो द्वारा कोई भी इस सौर-मण्डल (solar system) के अन्य ग्रहों से और पृथ्वी पर कहीं भी, किसी से भी सम्पर्क स्थापित कर सकता है। यहाँ पर रासायनिक और विध्युत प्रयोगशालाएं हैं जहाँ वैज्ञानिकों को फ़ार्मुलों और आविष्कारों पर काम करने की अनुमति है - ये फ़ार्मुले और आविष्कार अटलांटिक महासागर के नीचे वायुरुद्ध ढंग से (hermetically) सील-बंद शहरों में रखे गए है। [[Special:MyLanguage/Atlantis|अटलांटिस]] (Atlantis) के डूबने के बाद से इन्हे वहाँ सुरक्षित ढंग से रखा गया है। इन सभी आविष्कारों को [[Special:MyLanguage/golden age|स्वर्ण युग]] (golden age) में मानव जाति के प्रयोग हेतु सामने लाया जाएगा - जब मनुष्य लालच, स्वार्थ, युद्ध और गलत वित्तीय नीतियों के माध्यम से दूसरों को नियंत्रित करने की इच्छा का त्याग करेगा। | ||
जब विश्व के देशों पर दिव्य पुरुषों का प्रभुत्व होगा तो दिव्यगुरु उस जानकारी के विशाल भंडार | जब विश्व के देशों पर दिव्य पुरुषों का प्रभुत्व होगा तो दिव्यगुरु उस जानकारी के विशाल भंडार को पृथ्वी के लोगों को उपलब्ध कराएंगे जो युगों से उनके आश्रयस्थलों में संरक्षित की गई है और जहाँ विश्व के वैज्ञानिक अपने सूक्ष्म शरीरों में आते हैं। ईश्वरीय प्रकाश के छात्र भी वहां जाने के लिए दिव्यगुरुओं अनुरोध कर सकते हैं। यहाँ पर संत जरमेन अध्यात्मिक चेतना के प्रति समर्पित जीवात्माओं के एक बड़े समूह को प्रशिक्षित करते हैं। जो ज्ञान ये यहाँ अर्जित करते हैं उचित समय आने पर उसे वे मानवजाति की सहायता-हेतु बाहरी चेतना में उतार देंगे। | ||
<span id="The_atomic_accellerator"></span> | <span id="The_atomic_accellerator"></span> |
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