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== एक चैतन्य व्यक्ति == | == एक चैतन्य व्यक्ति == | ||
शब्द "आत्मा" या "'''चैतन्य व्यक्ति'''" भी [[Special:MyLanguage/hierarchy|पदानुक्रम]] में एक पद को दर्शाता है जो उन लोगों द्वारा | शब्द "आत्मा" या "'''चैतन्य व्यक्ति'''" भी [[Special:MyLanguage/hierarchy|पदानुक्रम]] (hierarchy) में एक पद को दर्शाता है जो उन लोगों द्वारा प्राप्त किया जाता है जिन्होंने [[Special:MyLanguage/Holy Spirit|पवित्र आत्मा]] (Holy Spirit) की [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] (seven rays) और सात [[Special:MyLanguage/chakra|चक्रों]] (chakras) में आत्म-निपुणता प्राप्त कर ली है। आत्मा में निपुणता का अर्थ है अपनी [[Special:MyLanguage/threefold flame| त्रिज्योति लौ]] (threefold flame) - ईश्वर के प्रेम, शक्ति और विवेक के गुणों - को संतुलित करना। इससे आत्मिक चेतना में सामन्जस्य आता है और [[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीरों]] (four lower bodies) में मातृ लौ [[Special:MyLanguage/Kundalini|कुण्डलिनी]] (Kundalini) द्वारा सातों किरणों और चक्रों में प्रवीणता (mastery) प्राप्त होती है। आध्यात्मिक उत्थान के नियुक्त समय पर अभिषिक्त जीवात्मा अपने अस्तित्व, चेतना और दुनिया के प्रत्येक मनुष्य के परमाणु और कोशिका के रूपांतरण के हेतु पैरों के नीचे से त्रिज्योति लौ को चक्राकार गति से अपनी पूरी काया के साथ आकाश की ओर उठती है। जीवात्मा के चार निचले शरीरों परिपूर्णता और बढ़ोतरी [[Special:MyLanguage/transfiguration|रूप परिवर्तन]] (transfiguration) के [[Special:MyLanguage/initiation|दीक्षा]] (initiation) के दौरान आंशिक रूप से होती है, जो [[Special:MyLanguage/resurrection|पुनरुत्थान]] (resurrection) के माध्यम से बढ़ती है और [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] (ascension) के अनुष्ठान में तीव्रता से पूर्णता प्राप्त करती है। | ||
<span id="The_personal_Christ"></span> | <span id="The_personal_Christ"></span> | ||
== व्यक्तिगत आत्मा == | == व्यक्तिगत आत्मा == | ||
व्यक्तिगत '''[[Special:MyLanguage/Christ Self| | प्रत्येक जीवात्मा का व्यक्तिगत '''[[Special:MyLanguage/Christ Self|उच्च चेतना]]''' से पुनर्मिलन का यह पहला कदम है। जब कोई व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग पर चल कर उच्च चेतना की दीक्षाओं में सफल हो जाता है, जिसमें "[[Special:MyLanguage/dweller-on-the-threshold|मानसिक दहलीज़ पर नकरात्मक रूप]]" (dweller-on-the-threshold) पर विजय पाना भी शामिल है, तो वह व्यक्ति चैतन्य (Christed one) कहलाने का अधिकार अर्जित करता है और [[Special:MyLanguage/sons and daughters of God|ईश्वर का पुत्र या पुत्री]] की उपाधि प्राप्त करता है। पिछले युगों में जिन लोगों ने यह उपाधि अर्जित की, उन्होंने या तो उस उपलब्धि से पूरी तरह समझौता कर लिया था या आगामी जन्मों में इसे प्रकट करने में विफल रहे। इस युग में इन लोगो से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी आंतरिक ईश्वर-निपुणता से अपने जीवन को एक उदाहरण बनायें और पृथ्वी पर रहते हुए इसे भौतिक शरीर में पूर्ण करें। | ||
इसलिए, भगवान के पुत्रों और पुत्रियों को उनके आंतरिक प्रकाश के अनुरूप दिखने में सहायता करने के लिए [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|ग्रेट व्हाइट ब्रदरहुड]] के गुरुओं ने [[Special:MyLanguage/ascended | इसलिए, भगवान के पुत्रों और पुत्रियों को उनके आंतरिक प्रकाश के अनुरूप (commensurate) दिखने में सहायता करने के लिए [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|ग्रेट व्हाइट ब्रदरहुड]] (Great White Brotherhood) के गुरुओं ने [[Special:MyLanguage/ascended masters|दिव्यगुरूओं]] (ascended masters) और उनके [[Special:MyLanguage/messenger|सन्देशवाहक]] (messengers) के माध्यम से अपनी शिक्षाएं प्रकाशित की हैं। [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जर्मेन]] (Saint Germain) ने इस वर्ग के सदस्यों को क्रमिक मासिक पाठ (graded monthly lessons) प्रदान करने वाली [[Special:MyLanguage/Keepers of the Flame Fraternity|कीपर्स ऑफ द फ्लेम बिरादरी]] (Keepers of the Flame Fraternity) की स्थापना की है, जो दुनिया भर में जीवन की लौ हेतु समर्पित है। [[Special:MyLanguage/discipleship|शिष्यता]] (discipleship) की दीक्षाओं के सफल समापन से पहले, व्यक्ति को "ईश्वर के पुत्र" शब्द के बजाए ईश्वर की संतान के रूप में संदर्भित (referred) किया जाता है। ईश्वर का पुत्र सम्पूर्ण रूप ईश्वरत्व को दर्शाता है जिसमें मनुष्य की जीवात्मा ईश्वर में लीन हो जाती है। ईसा मसीह इसका एक उदाहरण हैं। | ||
आत्मा की चेतना का विस्तार करते हुए, चैतन्य व्यक्ति ग्रह के स्तर पर आत्मिक चेतना | आत्मा की चेतना का विस्तार करते हुए, चैतन्य व्यक्ति ग्रह के स्तर पर आत्मिक चेतना का आभास करते हुए आगे बढ़ता है और ग्रह के विकास के लिए चैतन्य लौ (Christ Flame) का संतुलन बनाए रखने में सक्षम होता है। इस क्रिया में सफल होने के बाद वह दिव्य पदक्रम (heavenly hierarchy) के सदस्यों की सहायता करता है जो [[Special:MyLanguage/World Teacher|विश्व शिक्षक]] (World Teacher) और ग्रह चेतना के दायित्व के तहत सेवा करते हैं। | ||
<span id="See_also"></span> | <span id="See_also"></span> | ||
== इसे भी देखिये == | == इसे भी देखिये == | ||
[[Special:MyLanguage/Chart of Your Divine Self|आपके दिव्य रूप का | [[Special:MyLanguage/Chart of Your Divine Self|आपके दिव्य रूप का मानचित्र]] (Chart of Your Divine Self) | ||
[[Special:MyLanguage/Christ Self| | [[Special:MyLanguage/Christ Self|उच्च चेतना]] | ||
[[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] | [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] (Jesus) | ||
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