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Kuan Yin/hi: Difference between revisions

Created page with "अगर हमने ऐसा कुछ किया है जो ईश्वर के मार्ग से पृथक है, उनके कानून के अनुसार नहीं है तो हमें अपनी इस गलती को स्वीकार कर, ईश्वर को इसके बारे में बताना होगा। जब तक कि हम ऐसा करके अपनी गलतियो..."
(Created page with "जब हम इसका आह्वान करते हैं, तो हमें एहसास होता है कि हमारी स्व चेतना ही हमारी मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, मंत्री, पुजारी, गुरु, मित्र - सभी कुछ है। हमें अपने दिल का बोझ उतार...")
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जब हम इसका आह्वान करते हैं, तो हमें एहसास होता है कि हमारी [[Special:MyLanguage/Christ Self|स्व चेतना]] ही हमारी मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, मंत्री, पुजारी, गुरु, मित्र - सभी कुछ है। हमें अपने दिल का बोझ उतारने प्रतिदिन इसके पास जाना चाहिए। अमेरिकी भारतीयों में ऐसा करने की परंपरा थी। वे लोग रात को आग जलाकर उसके चारों ओर बैठ जाते थे और अपनी दिनचर्या की चर्चा किया करते थे। दिन भर में जो कुछ भी उनकी पसंद का नहीं हुआ वे उसे अग्नि के सुपुर्द कर दिया करते थे। वास्तव में प्रत्येक [[Special:MyLanguage/religion|पंथ]] में यही सिखाया जाता है। अप्रिय बातों को अग्नि के सुपुर्द कर हम चैन की नींद सो सकते हैं। आजकल अधिकाँश लोग अनिद्रा के रोग से पीड़ित हैं, और इसका एकमात्र कारण दैनिक कर्म से रिहा न हो पाना है।
जब हम इसका आह्वान करते हैं, तो हमें एहसास होता है कि हमारी [[Special:MyLanguage/Christ Self|स्व चेतना]] ही हमारी मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, मंत्री, पुजारी, गुरु, मित्र - सभी कुछ है। हमें अपने दिल का बोझ उतारने प्रतिदिन इसके पास जाना चाहिए। अमेरिकी भारतीयों में ऐसा करने की परंपरा थी। वे लोग रात को आग जलाकर उसके चारों ओर बैठ जाते थे और अपनी दिनचर्या की चर्चा किया करते थे। दिन भर में जो कुछ भी उनकी पसंद का नहीं हुआ वे उसे अग्नि के सुपुर्द कर दिया करते थे। वास्तव में प्रत्येक [[Special:MyLanguage/religion|पंथ]] में यही सिखाया जाता है। अप्रिय बातों को अग्नि के सुपुर्द कर हम चैन की नींद सो सकते हैं। आजकल अधिकाँश लोग अनिद्रा के रोग से पीड़ित हैं, और इसका एकमात्र कारण दैनिक कर्म से रिहा न हो पाना है।


We have a need for confession, a need to tell God what we have done that is not in keeping with his Law. Until we tell him about it and ask for his flame of forgiveness to pass through us, we have that sense of guilt, fear, shame, and above all a separation from him. Today this is manifest in all kinds of mental and emotional diseases, split personalities, hatred of father and mother, hatred of children, and many other problems to which modern society has fallen prey. The path back to the guru, the Inner Christ, is calling upon the [[law of forgiveness]].
अगर हमने ऐसा कुछ किया है जो ईश्वर के मार्ग से पृथक है, उनके कानून के अनुसार नहीं है तो हमें अपनी इस गलती को स्वीकार कर, ईश्वर को इसके बारे में बताना होगा। जब तक कि हम ऐसा करके अपनी गलतियों की क्षमा उनसे नहीं मांगते, तब तक हम अपराधबोध, भय और शर्म से ग्रसित हो ईश्वर से परे रहते हैं। सभी प्रकार की मानसिक और भावनात्मक बीमारियां, स्प्लिट पर्सनैलिटी (split personalities), माता-पिता और बच्चों के प्रति घृणा और कई अन्य समस्याएं जिनसे आधुनिक समाज आज जूझ रहा है इसी वजह से है। [[Special:MyLanguage/law of forgiveness|क्षमा]] ही अन्तर्मन के पास जाने का रास्ता है।


Forgiveness is something we need to invoke not only for ourselves; we need to invoke it for every part of life—all who have ever wronged us, all whom we have wronged. [[Saint Germain]] teaches us that when we invoke forgiveness, it must be by a very intense love in our heart. We need to let each other know that we forgive and that we are asking for forgiveness. And it’s a point of humility to say, “I’ve done wrong, and I ask you and God to forgive me.”
Forgiveness is something we need to invoke not only for ourselves; we need to invoke it for every part of life—all who have ever wronged us, all whom we have wronged. [[Saint Germain]] teaches us that when we invoke forgiveness, it must be by a very intense love in our heart. We need to let each other know that we forgive and that we are asking for forgiveness. And it’s a point of humility to say, “I’ve done wrong, and I ask you and God to forgive me.”
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