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Kuan Yin/hi: Difference between revisions

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Created page with "क्षमा के कानून द्वारा ईश्वर हमें अपनी आत्मिक चेतना को विकसित करने का अवसर देते हैं। कुआन यिन कहती हैं, "क्षमा के नियम में प्रशिक्षित होना आवश्यक है क्योंकि वास्तव में यही कुंभ युग (Aquari..."
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जब हम क्षमा मांगते हैं तो हमारा आभामंडल बैंगनी, जामुनी और गुलाबी रंग की रोशनी से भर जाता है जिससे हमारी जीवन की सारी अप्रिय स्थितियां धुल जाती हैं। बारम्बार क्षमा मांगने और क्षमा करने से यह रंग गहरे होते जाते हैं और ऐसा तब तक होता है जब तक कि पूरी दुनिया हमारे ह्रदय की ऊर्जा से सरोबार नहीं हो जाती। आप क्षमा का आह्वान करते समय किसी की भी कल्पना कर सकते हैं - आपका कोई प्रियजन, बच्चा, ऐसा व्यक्ति जिसे आप अपना शत्रु मानते हैं, कोई राजनीतिक नेता, वो शहर जहाँ आप रहते हैं, आपकी सरकार, आपका देश या फिर सम्पूर्ण पृथ्वी ग्रह। कल्पना करते वक्त आप अपने मन की आँखों में इन सभी को क्षमा की लहरों और तरंगों में डूबा हुआ देखिये।
जब हम क्षमा मांगते हैं तो हमारा आभामंडल बैंगनी, जामुनी और गुलाबी रंग की रोशनी से भर जाता है जिससे हमारी जीवन की सारी अप्रिय स्थितियां धुल जाती हैं। बारम्बार क्षमा मांगने और क्षमा करने से यह रंग गहरे होते जाते हैं और ऐसा तब तक होता है जब तक कि पूरी दुनिया हमारे ह्रदय की ऊर्जा से सरोबार नहीं हो जाती। आप क्षमा का आह्वान करते समय किसी की भी कल्पना कर सकते हैं - आपका कोई प्रियजन, बच्चा, ऐसा व्यक्ति जिसे आप अपना शत्रु मानते हैं, कोई राजनीतिक नेता, वो शहर जहाँ आप रहते हैं, आपकी सरकार, आपका देश या फिर सम्पूर्ण पृथ्वी ग्रह। कल्पना करते वक्त आप अपने मन की आँखों में इन सभी को क्षमा की लहरों और तरंगों में डूबा हुआ देखिये।


Forgiveness is a law, and by this law, our sins are set aside to give us the opportunity to develop the Christ consciousness. “Training in the law of forgiveness is necessary,” Kuan Yin instructs us, “for it is indeed the foundation of the Aquarian age.... Forgiveness is not the balancing of karma; it is the setting aside of karma whereby you are given the freedom in renewed creativity to conquer, to go forth, to make things right without that heavy burden, that weight of sin. And when you come to the place where you have further attainment, then, according to the law of forgiveness, that karma that was set aside is returned to you. And in your heightened state of consciousness in the plane of self-mastery, you are quickly able to place in the flame that substance for [[transmutation]] and to pursue your high calling.”<ref>Kuan Yin, “A Mother’s-Eye View of the World,''Pearls of Wisdom'', 1982, Book II, p. ''87''.</ref>  
क्षमा के कानून द्वारा ईश्वर हमें अपनी आत्मिक चेतना को विकसित करने का अवसर देते हैं। कुआन यिन कहती हैं, "क्षमा के नियम में प्रशिक्षित होना आवश्यक है क्योंकि वास्तव में यही कुंभ युग (Aquarian age) की नींव है। परन्तु क्षमा से कर्मों का संतुलन नहीं होता। क्षमा को कर्म से अलग रख ईश्वर हमें आगे बढ़ने का एक अवसर देते हैं ताकि हम बिना किसी बोझ के, अपनी रचनात्मकता का प्रयोग कर चीजों को सही कर पाएं। फिर जब आप कुछ उपलब्धियां और दक्षता प्राप्त कर कर आगे बढ़ते हैं, तो क्षमा के नियम के अनुसार, जो कर्म अलग कर दिया गया था वह आपको वापस मिल जाता है क्योंकि अब आप कर्म के फल को सहने में सक्षम होते हैं। अब आप आत्म-निपुणता के उस स्तर हैं जहां आपकी चेतना उन्नत अवस्था में है और कर्म का [[रूपानतरण]] करने में सक्षम हैं।"<ref>कुआन यिन, "अ मदर्स-ऑइ व्यू ऑफ़ द वर्ल्ड (“A Mother’s-Eye View of the World)," ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२ , पुस्तक २, पृष्ठ ''८७''.</ref>  


There is a difference between the forgiveness of sins and their transmutation. Someone may steal your purse and later tell you that he is sorry he took it. You may forgive him, but the matter is not closed, karmically speaking, until he returns that purse to you with every penny intact or makes whatever restitution is necessary. Forgiveness is not the balancing of karma; it is the setting aside of karma whereby you are given the freedom to make things right without that heavy burden of sin.
There is a difference between the forgiveness of sins and their transmutation. Someone may steal your purse and later tell you that he is sorry he took it. You may forgive him, but the matter is not closed, karmically speaking, until he returns that purse to you with every penny intact or makes whatever restitution is necessary. Forgiveness is not the balancing of karma; it is the setting aside of karma whereby you are given the freedom to make things right without that heavy burden of sin.
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