आकाशीय अभिलेख
पृथ्वी पर मनुष्य के जीवन में जो कुछ भी होता है वह आकाश में स्थापित हो जाता है। इस तरह प्रत्येक मनुष्य के अभिलेख आकाश में स्थित हैं। विशेषज्ञ एवं उच्च कोटि के आद्यात्मिक लोग इन अभिलेखों को पढ़ सकते हैं। दिव्यगुरु (ascended master) और अनारोहित विशेषज्ञ (वे विशेषज्ञ जिनका आरोहण नहीं हुआ है) आकाशीय अभिलेखों को उसी आसानी से पढ़ सकते हैं जिस सरलता से पुरातत्त्वविद् पृथ्वी की भिन्न परतों के मध्य देख सकते हैं। ये आकाशीय अभिलेखों की भिन्न परतें खोल कर आसानी से बता सकते हैं की किस वक्त पृथ्वी पर क्या हुआ था।
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.