प्रभु का दूत (Angel of the LORD)

From TSL Encyclopedia
Revision as of 10:15, 28 October 2023 by JaspalSoni (talk | contribs)

ईश्वर की उपस्तिथि को प्राप्त करने का मार्ग इस प्रकार से है: ईश्वरीय प्रकाश में सात रंग की प्रत्यक्ष किरणें तथा पांच गुप्त किरणें निहित है। प्रत्येक किरण के लिए एक विशिष्ट महादेवदूत व् उनकी दिव्य साहिका निश्चित की गई हैं। इन सात किरणों और पाँच गुप्त किरणों पर निपुणता प्राप्त करके वह तेरहवीं किरण के प्रकाश को निहित करते हैं जिसके द्वारा वे ईश्वर की उपस्तिथि में खड़े हैं। तेरहवीं किरण की निपुणता वाले प्रभु के दूत संदेशवाहक के रूप में अधिष्ठाता देवो को ईश्वर ने पृथ्वी पर मनुष्यों को आत्मिक चेतना देने के लिए अपने दूतों के रूप में भेजा है।[1]

ईश्वर के एक दूत ने मूसा को ईश्वर के अस्तित्व के बारे में बताया था।[2] यह दूत वास्तव में महादेवदूत माइकल का साकार रूप था। यह सत्य इस बात की पुष्टि करता है की ईश्वर आध्यात्मिक रूप से उन्नत जीवों के शरीर, चक्रों तथा आभामंडल में स्वयं की उपस्थिति ज़रूर दर्शाता है। ईश्वर के पैगम्बरों और सन्देश वाहको ने ईश्वर की इस “ज़िम्मेदारी” को वहन किया है[3] इनको ईश्वर अपने प्रत्यक्ष प्रचारक के रूप में पृथ्वी पर भेजते हैं ताकि वे पृथ्वी की उन्नत आत्माओं के तरफ से देवदूतों, महादेवदूतों, चेरुबिम एवं सेराफिम की सहायता कर पाएं।

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.

देवदूत

  1. E.g., Luke 1:19.
  2. Exod. 3:2.
  3. Jer. 23:30–40; Zech. 9:1; 12:1; Hab. 1:1; Mal. 1:1.