आभामंडल
भौतिक शरीर के चारों ओर एक चमकदार उत्सर्जन या 'विध्युत चुम्बकीय' क्षेत्र, जिसे अक्सर भावनात्मक शरीर के समान माना जाता है।
संत-महात्माओं से जुड़ी प्रभामंडल की चमक जो जीवात्मा और जीवात्मा की मूल योजना से उत्पन्न होती है, जो मानवीय इच्छा से ईश्वरीय या सांसारिक स्वरुप को प्रतिबिंबित करती है।
संवेदनशील (sentient) जीवन और अजैव (inorganic) वस्तुओं का विशिष्ट (distinctive) प्रकाश जिसकी तस्वीर किर्लियन फोटोग्राफी से ली गई है।
मनुष्य के चार निचले शरीर (four lower bodies) और चक्रों को घेरने वाला वातावरण जिस पर व्यक्ति के प्रभाव, विचार, भावनाएं, शब्द और कार्य पंजीकृत होने के साथ-साथ उसके कर्म और पिछले जन्मों के अभिलेख भी पंजीकृत होते हैं।
पवित्र अग्नि का अत्यधिक प्रभावशाली आभामंडल का घेरा जिसमें आत्मिक चेतना,
दिव्यगुरु (ascended master), देवदूत (angel), एलोहीम (Elohim) और ब्रह्माण्डीय जीव (cosmic being) जो किसी को भी अपनी 'कृपा द्रष्टि' से हस्तांतरित कर सकते हैं।
एक आध्यात्मिक प्रभामंडल, जिसे एल-फील्ड या जीवन-क्षेत्र (सूक्ष्म कोष) कहा जाता है। यह मानव जाति और जैविक जीवन को घेरे रखता है जो कि व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और लम्बी आयु को नियंत्रित और प्रतिबिंबित करता है।
अधिक जानकारी के लिए
Kuthumi and Djwal Kul, The Human Aura: How to Activate and Energize Your Aura and Chakras
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.