Translations:Maha Chohan/18/hi

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वह तत्व जो पवित्र आत्मा की लौ के अनुकूल होता है, वह प्राणवायु (oxygen) है। इसके बिना न तो मनुष्य और न ही सृष्टि देव साम्राज्य जीवित रह सकता है। इसलिए महा चौहान की चेतना की तुलना महान केंद्रीय सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र (Great Central Sun Magnet) से की जा सकती है। वह चुंबक को उस ग्रह पर केंद्रित करते हैं जो सूर्य से पृथ्वी की ओर उन विकिरणों को आकर्षित करता है जो जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।