Evil/hi: Difference between revisions

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'''जब बुराई (Evil) के पहले अक्षर 'E' को बड़े अक्षर में लिखा जाता है तो उसका तात्पर्य पूर्ण बुराई से होता है''' जो पूर्ण अच्छाई के विपरीत है। जब बुराई (evil) के पहले अक्षर 'e' को छोटे अक्षर में लिखा जाता है तब बुराई और अच्छाई में तुलना होती है - मनुष्य अपने दैनिक जीवन में नासमझी से कभी कम तो कभी अधिक गलतियां करता है जिन्हें ईश्वरीय शक्ति की पूर्ण अच्छाई में रूपांतरित किया जा सकता है।
'''जब बुराई (Evil) के पहले अक्षर 'E' को बड़े अक्षर में लिखा जाता है तो उसका तात्पर्य पूर्ण बुराई से होता है''' जो पूर्ण अच्छाई के विपरीत है। जब बुराई (evil) के पहले अक्षर 'e' को छोटे अक्षर में लिखा जाता है तब बुराई और अच्छाई में तुलना होती है - मनुष्य अपने दैनिक जीवन में नासमझी से कभी कम तो कभी अधिक गलतियां करता है जिन्हें ईश्वरीय शक्ति की पूर्ण अच्छाई में रूपांतरित किया जा सकता है।


'''पूर्ण बुराई''', पथभ्रष्ट देवदूतों द्वारा समाविष्‍ट (embodied) उन लोगों का मानसिक स्तर है  जिन्होंने सर्वशक्तिमान ईश्वर, उनकी [[Special:MyLanguage/Christ|चेतना]] और उनकी संतानों के विरुद्ध [[Special:MyLanguage/Great Rebellion|बड़े विद्रोह]] (Great Rebellion) की घोषणा की थी, वो जिन्होंने [[Special:MyLanguage/Divine Mother|दिव्य माता]] की संतानों के विरुद्ध अपना विद्रोह बंद नहीं किया, वो जो प्रकाश के सामने घुटने नहीं टेकते और वो जो ईश्वर के निर्णय को उसके सेवकों द्वारा (पूर्ण अच्छाई की शक्ति, स्वर्ग और पृथ्वी में ईश्वर की पहचान) [[Special:MyLanguage/Armageddon|आर्मगेडन]] में हार जाएंगे।
'''पूर्ण बुराई''', पथभ्रष्ट देवदूतों द्वारा समाविष्‍ट (embodied) उन लोगों का मानसिक स्तर है  जिन्होंने सर्वशक्तिमान ईश्वर, उसकी [[Special:MyLanguage/Christ|चेतना]] और उसकी संतानों के विरुद्ध [[Special:MyLanguage/Great Rebellion|बड़े विद्रोह]] (Great Rebellion) की घोषणा की थी, वो जिन्होंने [[Special:MyLanguage/Divine Mother|दिव्य माता]] (Divine Mother) की संतानों के विरुद्ध अपना संघर्ष बंद नहीं किया है, वो जो प्रकाश के सामने घुटने नहीं टेकते, वे ईश्वर के सेवकों द्वारा उसके निर्णय की पूर्ण अच्छाई की शक्ति से  [[Special:MyLanguage/Armageddon|आर्मगेडन]] (Armageddon) में पराजित होगें।


'''सापेक्ष अच्छे और बुरे''' की चेतना, ईश्वर की इच्छा की धारा के विपरीत चलने वाली जीवनधाराओं द्वारा सन्निहित, उन जीवात्माओं द्वारा अपनाई गई स्वतंत्र इच्छा के प्रयोग का परिणाम है, जिन्होंने चैतन्य मन की आवृत्ति से नीचे उतरना ठीक समझा।
'''परस्पर संबंधित अच्छे (relative good) और बुरे''' की चेतना, ईश्वर की इच्छा की धारा के विपरीत चलने वाली जीवनधाराओं द्वारा सम्मिलित (embodied), उन जीवात्माओं द्वारा अपनाई गई स्वच्छन्द इच्छा के प्रयोग का परिणाम है, जो चैतन्य मन की आवृत्ति से निचली ऊर्जा है


क्योंकि अंधेरे पर प्रकाश की जीत होती है इसलिए स्वर्गिक आनंद खो देने वाली जीवात्माएं अगर अपनी [[Special:MyLanguage/Christ|चेतना]] का उपयोग करें तो वे ईश्वर के शासन में लौट सकती हैं - ऐसा करने से वे सभी बुराईयों और दुष्टों से बच सकती हैं।  
क्योंकि अंधेरे पर प्रकाश की जीत होती है इसलिए स्वर्गिक आनंद खो देने वाली जीवात्माएं अगर अपनी [[Special:MyLanguage/Christ|चेतना]] का उपयोग करें तो वे ईश्वर के अनुग्रह में लौट सकती हैं - ऐसा करने से वे सभी बुराईयों और दुष्टों से बच सकती हैं।  


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== इसे भी देखिये ==
== इसे भी देखिये ==


[[Special:MyLanguage/Energy veil|ऊर्जा का पर्दा]]
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Latest revision as of 15:04, 17 June 2024

Other languages:

ऊर्जा (energy): का अर्थ है ऊर्जा और वेल (veil) का अर्थ है पर्दा। तो ईवेल (Evil) का अर्थ हुआ पवित्र अग्नि की दुरुपयोग ऊर्जा का वह पर्दा जो मनुष्य को पदार्थ की दुनिया में अनुभवहीन बना देता है। इसे माया या भ्रम भी कहते हैं।

जब बुराई (Evil) के पहले अक्षर 'E' को बड़े अक्षर में लिखा जाता है तो उसका तात्पर्य पूर्ण बुराई से होता है जो पूर्ण अच्छाई के विपरीत है। जब बुराई (evil) के पहले अक्षर 'e' को छोटे अक्षर में लिखा जाता है तब बुराई और अच्छाई में तुलना होती है - मनुष्य अपने दैनिक जीवन में नासमझी से कभी कम तो कभी अधिक गलतियां करता है जिन्हें ईश्वरीय शक्ति की पूर्ण अच्छाई में रूपांतरित किया जा सकता है।

पूर्ण बुराई, पथभ्रष्ट देवदूतों द्वारा समाविष्‍ट (embodied) उन लोगों का मानसिक स्तर है जिन्होंने सर्वशक्तिमान ईश्वर, उसकी चेतना और उसकी संतानों के विरुद्ध बड़े विद्रोह (Great Rebellion) की घोषणा की थी, वो जिन्होंने दिव्य माता (Divine Mother) की संतानों के विरुद्ध अपना संघर्ष बंद नहीं किया है, वो जो प्रकाश के सामने घुटने नहीं टेकते, वे ईश्वर के सेवकों द्वारा उसके निर्णय की पूर्ण अच्छाई की शक्ति से आर्मगेडन (Armageddon) में पराजित होगें।

परस्पर संबंधित अच्छे (relative good) और बुरे की चेतना, ईश्वर की इच्छा की धारा के विपरीत चलने वाली जीवनधाराओं द्वारा सम्मिलित (embodied), उन जीवात्माओं द्वारा अपनाई गई स्वच्छन्द इच्छा के प्रयोग का परिणाम है, जो चैतन्य मन की आवृत्ति से निचली ऊर्जा है

क्योंकि अंधेरे पर प्रकाश की जीत होती है इसलिए स्वर्गिक आनंद खो देने वाली जीवात्माएं अगर अपनी चेतना का उपयोग करें तो वे ईश्वर के अनुग्रह में लौट सकती हैं - ऐसा करने से वे सभी बुराईयों और दुष्टों से बच सकती हैं।

इसे भी देखिये

ऊर्जा का पर्दा (Energy veil)

अधिक जानकारी के लिए

Elizabeth Clare Prophet, Fallen Angels and the Origins of Evil

Elizabeth Clare Prophet, Kabbalah: Key to Your Inner Power

Archangel Gabriel, Mysteries of the Holy Grail

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation

Pearls of Wisdom, vol. ३०, no. ११.