Darjeeling Council/hi: Difference between revisions

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[[Special:MyLanguage/angel|श्वेत महासंघ]] की एक समिति जिसमें [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरु]] और [[Special:MyLanguage/chela|चेले]] शामिल हैं, जिसका नेतृत्व [[Special:MyLanguage/El Morya|एल मोर्या]] करते हैं। इसका मुख्यालय [[Special:MyLanguage/Temple of Good Will|दिव्यगुरु का आकाशीय आश्रय स्थल]], दार्जिलिंग, भारत में है।  
[[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|श्वेत महासभा]] (Great White Brotherhood) की एक महासभा जिसमें [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरु]] (ascended masters) और अदिव्य (unascended) [[Special:MyLanguage/chela|चेले]] (chelas) शामिल हैं, जिसका नेतृत्व [[Special:MyLanguage/El Morya|एल मोर्या]] (El Morya) करते हैं। इसका मुख्यालय [[Special:MyLanguage/Temple of Good Will|दिव्यगुरु का आकाशीय आश्रय स्थल]] (Temple of Good Will), दार्जिलिंग, भारत में है।  


दार्जिलिंग समिति के सदस्य हैं: [[Special:MyLanguage/Mother Mary|मदर मैरी]], [[Special:MyLanguage/Kuan Yin|कुआन यिन]], [[Special:MyLanguage/Archangel Michael|महादेवदूत माइकल]], [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर गणेश जी]], [[Special:MyLanguage/Serapis Bey|सेरापिस बे]], [[Special:MyLanguage/Kuthumi|कुथुमी]], [[Special:MyLanguage/Djwal Kul|दज्वाल कुल]]। इस समिति की कई अन्य सदस्य भी हैं जिनका उद्देश्य जीवात्माओं को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यों में प्रशिक्षित करना है जैसे [[Special:MyLanguage/God-Government|ईश्वरीय सरकार]] और अर्थव्यवस्था की स्थापना, आत्मिक ज्ञान को [[Special:MyLanguage/religion|धर्म]] की नींव बनाना, एवं शिक्षा, संगीत और कला को [[Special:MyLanguage/Golden age|स्वर्ण युग]] की संस्कृति के स्तर तक विकसित करना।
दार्जिलिंग महासभा के सदस्य हैं: [[Special:MyLanguage/Mother Mary|मदर मैरी]] (Mother Mary), [[Special:MyLanguage/Kuan Yin|कुआन यिन]] (Kuan Yin), [[Special:MyLanguage/Archangel Michael|महादेवदूत माइकल]] (Archangel Michael), [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर]] (Great Divine Director) (गणेश जी), [[Special:MyLanguage/Serapis Bey|सेरापिस बे]] (Serapis Bey), [[Special:MyLanguage/Kuthumi|कुथुमी]] (Kuthumi) और [[Special:MyLanguage/Djwal Kul|दज्वाल कुल]] (Djwal Kul)। इस महासभा के कई अन्य सदस्य भी हैं जिनका उद्देश्य जीवात्माओं को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यों में प्रशिक्षित करना है जैसे [[Special:MyLanguage/God-government|ईश्वरीय सरकार]] (God-government) और आत्मिक ज्ञान के द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थापना, [[Special:MyLanguage/religion|धर्म]] (religion) की नींव बनाना, एवं शिक्षा, संगीत और कला को [[Special:MyLanguage/Golden age|स्वर्ण युग]] (Golden age) की संस्कृति के स्तर पर फिर से लाना।


एल मौरया ने इसका वर्णन कुछ इस प्रकार किया है:  
एल मौरया ने इसका वर्णन कुछ इस प्रकार किया है:  


<blockquote>दार्जिलिंग समिति में १४४ स्थायी सदस्य हैं। कुछ अन्य सदस्य भी है जो अपने सहायकों के साथ इस समिति में शामिल हैं। हम इन सभी को बहुत आदर के साथ देखते हैं। इनमे से कई अनुसंधान सहायक हैं जो हमारे साथ साथ चलते हुए [[Special:MyLanguage/akasha|आकाश]] के दस्तावेज़ों की तलाश करते हैं जिनकी सहायता से हम आज की सभ्यता को विकसित कर पाएंगे - ये सब विकास हम पूर्व सभय्ताओं में नहीं कर पाए क्योंकि या तो तब लोग स्वार्थी थे, या विकास से अनभिज्ञ थे, या फिर उनके कर्म ऐसे थे की उनका रुझान इस तरफ नहीं हो पाया।
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दार्जिलिंग महासभा में एक सौ चौवालीस मुहरबंद (sealed) सदस्य हैं। कुछ अन्य सदस्य भी है जो अपने सहायकों के साथ इस महासभा में शामिल हैं। हम इन सब को बहुत आदर के साथ देखते हैं जो संख्या में एक सौ चौवालीस से बहुत अधिक हैं। इनमे से कई अटैची (attaches) और अनुसंधान सहायक हैं जो पृथ्वी के  लोगों के साथ मिलकर  [[Special:MyLanguage/akasha|आकाश]] के दस्तावेज़ों (files of akasha) का अध्ययन करते हैं जिनकी सहायता से हम वर्तमान सभ्यता को विकसित कर सकते हैं  - ये सब विकास हम पूर्व सभय्ताओं में नहीं ला पाए क्योंकि या तो उस समय के लोग स्वार्थी थे, या विकास से अनभिज्ञ थे, या फिर उनके कर्म ऐसे थे कि उनकी रुचि इस तरफ नहीं थी।


आप ऐसे कुछ लोगों के नाम पहचानते हैं जो १४४ के अंदरूनी गोपनीय दल का हिस्सा हैं - ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर गणेश जी, मदर मैरी, [[Special:MyLanguage/Mighty Victory|माइटी विक्ट्री]], [[Special:MyLanguage/Lanello|लैनेलो]], [[Special:MyLanguage/Chohan|चौहान]] और वे लोग जो चौहानों के आश्रय स्थल से आए हैं। कुछ ऐसे [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] भी हैं जो समिति के सेवा में रहते हैं।
आप कुछ ऐसे लोगों के नाम पहचानते हैं जो एक सौ चौवालीस के आंतरिक दायरे (inner circle) का हिस्सा हैं: ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर (Great Divine Director) (गणेश जी), मदर मैरी (Mother Mary), [[Special:MyLanguage/Mighty Victory|माइटी विक्ट्री]] (Mighty Victory), आपके प्रिय [[Special:MyLanguage/Lanello|लनैलो]] (Lanello), वे लोग जो चौहानों के आश्रय स्थल (retreats) से आए हैं और किरणों के [[Special:MyLanguage/Chohan|चौहान]] (Chohan of the rays) हैं। इनमें [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] (archangel) भी हैं जो महासभा की सेवा में रहते हैं।


जैसे-जैसे इस समिति के सदस्य अपनी [[Special:MyLanguage/Electronic Presence|इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति]] को बढ़ाते हैं, इस समिति का प्रभाव पृथ्वी की जीवात्माओं तक पहुंचता है, और उन्हें स्पर्श करता है - प्रत्येक जीवात्मा का इस प्रकाश को छूने का अपना एक समय होता है...
जैसे-जैसे इस महासभा के सदस्य अपनी [[Special:MyLanguage/Electronic Presence|इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति]] (Electronic Presence) को बढ़ाते हैं, इस महासभा का प्रभाव पृथ्वी की जीवात्माओं तक पहुंचता है, और उन्हें स्पर्श करता है - प्रत्येक जीवात्मा का इस प्रकाश को छूने का अपना एक समय होता है...


दार्जिलिंग समिति के केंद्र में शामिल १४४ सदस्यों का पृथ्वी पर कई जीवात्माओं के साथ संपर्क है, और यह संपर्क ही उनके इस समिति में चुने जाने का एक प्रमुख कारण है। [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] से पहले इन दिव्यगुरुओं और देवदूतों का उन पृथ्वीवासियों साथ बेहद व्यक्तिगत संपर्क था, और यह संपर्क सदियों से था। ये व्यक्ति अभी भी पृथ्वी पर हैं, और इनमें से कई अब पृथ्वी के विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं...
दार्जिलिंग महासभा के केंद्र में शामिल एक सौ चौवालीस सदस्यों का पृथ्वी पर कई जीवात्माओं के साथ संपर्क है, और यह संपर्क ही उनके इस महासभा में चुने जाने का एक प्रमुख कारण है। [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] (ascension) से पहले इन दिव्यगुरुओं और देवदूतों का उन पृथ्वीवासियों के साथ बेहद व्यक्तिगत संपर्क था, और यह संपर्क सदियों से था। ये व्यक्ति अभी भी पृथ्वी पर हैं, और इनमें से कई अब पृथ्वी के विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं...


मैं आपसे दार्जिलिंग समिति द्वारा उन व्यक्तियों के प्रायोजन के बारे में बात कर रहा हूं जो अपने देशों में नेतृत्व की स्थिति में हैं, चाहे वह सरकार, में हैं या अर्थव्यवस्था में, या फिर शिक्षा, कला और विज्ञान में हैं। इस तरह हमारे बहुत-से प्रतिनिधि हैं; तुम्हें भी हम उनमें गिनते हैं।
मैं आपसे दार्जिलिंग महासभा  द्वारा उन व्यक्तियों के प्रायोजन (sponsorship) के बारे में बात कर रहा हूं जो अपने देशों में नेतृत्व देने की स्थिति में हैं, चाहे वह सरकार, में हैं या अर्थव्यवस्था में, या फिर शिक्षा, कला और विज्ञान में हैं। इस तरह हमारे बहुत-से प्रतिनिधि हैं; आपको भी हम उनमें गिनते हैं।


We ask you to come to Darjeeling and to knock on the door of our Darjeeling retreat this night, to present yourselves and make known to us your professions, your callings and how you will lend your talents to this endeavor. For there are five and a half billion souls, more or less, in embodiment and many out of embodiment seeking entrée into this world. And we must tend them as we would tend the flocks of the Lord.
हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप रात को दार्जिलिंग आएं और हमारे आश्रय स्थल का दरवाजा खटखटाएं, हमें अपना परिचय दें और अपने पेशे  के बारे में बताएं और यह भी बताएं कि आप इस प्रयास में हमारी सहायता किस प्रकार से कर सकते हैं। इस समय साढ़े पांच अरब जीवात्माएं पृथ्वी पर हैं, और कई और इस दुनिया में प्रवेश करने का इंतज़ार कर रहीं हैं। हमें इन सबकी देखभाल वैसे ही करनी चाहिए जैसे हम ईश्वर के समुदायों की करते हैं।


Therefore, we would deal with you according to your abilities and we would advance you in those disciplines in which you have already qualified yourselves, having concentrated in certain areas of life for thousands of years. Each one has a great contribution to make; and if you decide to make that contribution, you shall earn your ascension in the Light.<ref>El Morya, “Penetrate! Activate!{{POWref|37|40|, October 2, 1994}}</ref></blockquote>
हम आपकी क्षमताओं के अनुसार आपको शिक्षा देंगें और आपको उन विषयों के बारे में ज्ञान देंगें जिनमें आप हजारों वर्षों से पहले से ही निपुण हैं। हर एक को अपना पूरा योगदान देना है; और यदि आप वह योगदान देने का निर्णय लेते हैं, तो आप अपना आध्यात्मिक उत्थान अर्जित करेंगे।<ref>एल मोरया, "ंभीतर आईये!" सक्रिय हो जाइये!" {{POWref|३७ ४०|, २ अक्टूबर  १९९४ }}</ref>
</blockquote>


== See also ==
<span id="See_also"></span>
== इसे भी देखिये ==


[[El Morya]]
[[Special:MyLanguage/El Morya|एल मौरया]] (El Morya)


[[Temple of Good Will]]
[[Special:MyLanguage/Temple of Good Will|टेम्पल ऑफ़ गुडविल]] (Temple of Good )


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{SGA}}.
{{SGA}}.


<references />
<references />

Latest revision as of 13:24, 22 March 2024

Other languages:

श्वेत महासभा (Great White Brotherhood) की एक महासभा जिसमें दिव्यगुरु (ascended masters) और अदिव्य (unascended) चेले (chelas) शामिल हैं, जिसका नेतृत्व एल मोर्या (El Morya) करते हैं। इसका मुख्यालय दिव्यगुरु का आकाशीय आश्रय स्थल (Temple of Good Will), दार्जिलिंग, भारत में है।

दार्जिलिंग महासभा के सदस्य हैं: मदर मैरी (Mother Mary), कुआन यिन (Kuan Yin), महादेवदूत माइकल (Archangel Michael), ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर (Great Divine Director) (गणेश जी), सेरापिस बे (Serapis Bey), कुथुमी (Kuthumi) और दज्वाल कुल (Djwal Kul)। इस महासभा के कई अन्य सदस्य भी हैं जिनका उद्देश्य जीवात्माओं को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यों में प्रशिक्षित करना है जैसे ईश्वरीय सरकार (God-government) और आत्मिक ज्ञान के द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थापना, धर्म (religion) की नींव बनाना, एवं शिक्षा, संगीत और कला को स्वर्ण युग (Golden age) की संस्कृति के स्तर पर फिर से लाना।

एल मौरया ने इसका वर्णन कुछ इस प्रकार किया है:

दार्जिलिंग महासभा में एक सौ चौवालीस मुहरबंद (sealed) सदस्य हैं। कुछ अन्य सदस्य भी है जो अपने सहायकों के साथ इस महासभा में शामिल हैं। हम इन सब को बहुत आदर के साथ देखते हैं जो संख्या में एक सौ चौवालीस से बहुत अधिक हैं। इनमे से कई अटैची (attaches) और अनुसंधान सहायक हैं जो पृथ्वी के लोगों के साथ मिलकर आकाश के दस्तावेज़ों (files of akasha) का अध्ययन करते हैं जिनकी सहायता से हम वर्तमान सभ्यता को विकसित कर सकते हैं - ये सब विकास हम पूर्व सभय्ताओं में नहीं ला पाए क्योंकि या तो उस समय के लोग स्वार्थी थे, या विकास से अनभिज्ञ थे, या फिर उनके कर्म ऐसे थे कि उनकी रुचि इस तरफ नहीं थी।

आप कुछ ऐसे लोगों के नाम पहचानते हैं जो एक सौ चौवालीस के आंतरिक दायरे (inner circle) का हिस्सा हैं: ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर (Great Divine Director) (गणेश जी), मदर मैरी (Mother Mary), माइटी विक्ट्री (Mighty Victory), आपके प्रिय लनैलो (Lanello), वे लोग जो चौहानों के आश्रय स्थल (retreats) से आए हैं और किरणों के चौहान (Chohan of the rays) हैं। इनमें महादेवदूत (archangel) भी हैं जो महासभा की सेवा में रहते हैं।

जैसे-जैसे इस महासभा के सदस्य अपनी इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति (Electronic Presence) को बढ़ाते हैं, इस महासभा का प्रभाव पृथ्वी की जीवात्माओं तक पहुंचता है, और उन्हें स्पर्श करता है - प्रत्येक जीवात्मा का इस प्रकाश को छूने का अपना एक समय होता है...

दार्जिलिंग महासभा के केंद्र में शामिल एक सौ चौवालीस सदस्यों का पृथ्वी पर कई जीवात्माओं के साथ संपर्क है, और यह संपर्क ही उनके इस महासभा में चुने जाने का एक प्रमुख कारण है। आध्यात्मिक उत्थान (ascension) से पहले इन दिव्यगुरुओं और देवदूतों का उन पृथ्वीवासियों के साथ बेहद व्यक्तिगत संपर्क था, और यह संपर्क सदियों से था। ये व्यक्ति अभी भी पृथ्वी पर हैं, और इनमें से कई अब पृथ्वी के विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं...

मैं आपसे दार्जिलिंग महासभा द्वारा उन व्यक्तियों के प्रायोजन (sponsorship) के बारे में बात कर रहा हूं जो अपने देशों में नेतृत्व देने की स्थिति में हैं, चाहे वह सरकार, में हैं या अर्थव्यवस्था में, या फिर शिक्षा, कला और विज्ञान में हैं। इस तरह हमारे बहुत-से प्रतिनिधि हैं; आपको भी हम उनमें गिनते हैं।

हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप रात को दार्जिलिंग आएं और हमारे आश्रय स्थल का दरवाजा खटखटाएं, हमें अपना परिचय दें और अपने पेशे के बारे में बताएं और यह भी बताएं कि आप इस प्रयास में हमारी सहायता किस प्रकार से कर सकते हैं। इस समय साढ़े पांच अरब जीवात्माएं पृथ्वी पर हैं, और कई और इस दुनिया में प्रवेश करने का इंतज़ार कर रहीं हैं। हमें इन सबकी देखभाल वैसे ही करनी चाहिए जैसे हम ईश्वर के समुदायों की करते हैं।

हम आपकी क्षमताओं के अनुसार आपको शिक्षा देंगें और आपको उन विषयों के बारे में ज्ञान देंगें जिनमें आप हजारों वर्षों से पहले से ही निपुण हैं। हर एक को अपना पूरा योगदान देना है; और यदि आप वह योगदान देने का निर्णय लेते हैं, तो आप अपना आध्यात्मिक उत्थान अर्जित करेंगे।[1]

इसे भी देखिये

एल मौरया (El Morya)

टेम्पल ऑफ़ गुडविल (Temple of Good )

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.

  1. एल मोरया, "ंभीतर आईये!" सक्रिय हो जाइये!" Pearls of Wisdom, vol. ३७ ४०, no. , २ अक्टूबर १९९४ .