चैरूब (Cherub)
(बहुवचन-चैरूबिम) देवदूतों (angel) के एक वर्ग के सदस्य जो प्रेम की लौ के विस्तार और सुरक्षा के लिए, और रूबी किरण (Ruby Ray) के गुणों एवं उच्च चेतना के हित के लिए सेवाबद्ध हैं। ईश्वर ने इन्हें (चैरूबिम को) "गार्डन ऑफ़ ईडन (Garden of Eden) के पूर्वी द्वार (उच्च चेतना का द्वार) पर एक ज्वलंत तलवार (sword) के साथ न्युक्त किया हुआ है। यह ज्वलंत तलवार जीवन के वृक्ष (Tree of Life or Causal Body) का मार्ग बनाये रखने के लिए किसी भी दिशा में उपयोग की जा सकती है"।[1]
मूसा ने देवदूत अभिभावकों को सोने के चैरूबिम के आकार में करुणा के सिंहासन को बनाने का ईश्वरीय आदेश दिया था जो आर्क ऑफ़ कोवेनेंट (ark of the covenant) का प्रतीक था।[2] परम्परा के अनुसार, ईश्वर चैरूबिम के बीच रहते थे और इसी करुणा के सिंहासन से मूसा से बात करते थे - ईश्वरीय स्वरुप की उपस्थिति यहीं है। ईश्वर के नियमों को पत्थर की पट्टियों पर अंकित किया गया था और फिर इन पट्टियों को सन्दूक में रख एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया था।
डेविड कहते हैं कि ईश्वर चैरूब पर सवार होकर, हवा में उनके पंखों पर उड़ते हैं।[3] ईजेकील (Ezekiel) ने चैरूबिम का चार पंखों और चार मुंह वाले प्राणियों के रूप में वर्णन किया है जिनके पास घूमते पहिए हैं।[4] मेसोपोटामिया (mesopotamia civilization) के ग्रंथ में चैरूब को पंखों वाले कैरिबू (karibu), रक्षक के रूप में पहचानते हैं जिन्हें स्फिंक्स (sphinx), ग्रिफिन (griffin) या पंखों वाले मानव प्राणी के रूप में चित्रित किया गया है। सबसे बुद्धिमान और ताकतवर चेरुब पूरे ब्रह्मांड में ईश्वर और उसकी संतानों की अनेक प्रकार की सेवा में लीन हैं।
चैरूबिम भगवान और मनुष्य के बीच आर्क ऑफ़ कोवनेंट (ark of the covenant) की लौ की रक्षा करते हैं, जो महान केंद्रीय सूर्य (Great Central Sun) में केंद्रित है। वे सिटी फोरस्क्वेयर (City Foursquare) और ईश्वर के प्रत्येक पुत्र और पुत्री में जीवन के वृक्ष (tree of life or causal body) का मार्ग बनाये रखते हैं। "और वे दिन-रात ईश्वर का जाप करते हैं, और कहते हैं सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, जो था, और है, और हमेशा रहेगा।"[5]
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and the Spiritual Path.